डीएनए हिंदी: अशोका यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में घिर गई है. अशोका विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक प्रणव गुप्ता और विनीत गुप्ता पर सीबीआई ने चंडीगढ़ स्थित दवा कंपनी पैराबॉलिक ड्रग्स से जुड़े 1,626 करोड़ रुपये की कथित ठगी का आरोप लगाया है.
कंपनी पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और 11 अन्य बैंकों को धोखा देने का आरोप है. सीबीआई ने प्रणव गुप्ता, विनीत गुप्ता और 10 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. 31 दिसंबर को कई शहरों में गुप्ता बंधुओं के ठिकानों पर छापा मारा गया था.
सीबीआई का कहना है कि इस छापेमारी में आपत्तिजनक दस्तावेज, लेख और 1.58 करोड़ नकद पाए गए. गुप्ता बंधुओं पर आपराधिक साजिश और जालसाजी जैसे आरोप हैं.
अशोका विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर विनीत गुप्ता संस्थापक, ट्रस्टी और प्रणव गुप्ता सह-संस्थापक और ट्रस्टी हैं. गुप्ता बंधुओं द्वारा प्रमोटेड पैराबॉलिक ड्रग्स की स्थापना 1996 में की गई थी.
सीबीआई इन आरोपों की जांच कर रही है कि क्या पैराबॉलिक ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्जिम बैंक, केनरा बैंक, सिडबी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से लोन सिक्योर करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया?
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि कंपनी 2012 से रीपेमेंट में चूक कर रही है. इसके साथ ही अभियुक्तों ने बैंकों को अपनी व्यावसायिक जरूरतों की आड़ में धनराशि स्वीकृत करने की साजिश रचने के बाद धन का गलत उपयोग किया. वहीं रीपेमेंट से बचने के लिए 'कुटिल रणनीति' का इस्तेमाल किया.
2014 में स्टेट बैंक ने पैराबॉलिक ड्रग्स के खातों को "नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स" के रूप में वर्गीकृत किया है. इसके तुरंत बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी इसे एनपीए में शामिल किया.
पिछले दो साल से यूनिवर्सिटी विवादों से घिरी रही है. दो प्रमुख संकाय सदस्यों – राजनीतिक वैज्ञानिक प्रताप भानु मेहता और अर्थशास्त्री, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने यूनिवर्सिटी में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था.
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