डीएनए हिंदी: काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर’ (सीईईडब्ल्यू ) की एक रिसर्च में दावा किया गया है कि पिछले 2 दशकों में जंगल में लगने वाली आग की घटनाओं और उसकी तीव्रता में 10 गुना इजाफा हुआ है. यह सभी के लिए चिंता की बात है. एक तरफ देश के कई हिस्सों में तेजी से गर्मियां बढ़ रही हैं और आग लगने की घटनाएं भी इस समय बढ़ जाती हैं . ऐसे में यह रिपोर्ट चौकाने वाली है. दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन की वजह से जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. भारत में भी पिछले दो दशकों में जंगल में आग लगने के मामलों और तीव्रता में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (CEEW) ने 7 अप्रैल को एक रिसर्च रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि पिछले दो दशकों में जंगल की आग की आवृत्ति और तीव्रता के साथ-साथ इस तरह की आग लगने वाले महीनों की संख्या में इजाफा हुआ है.

'मैनेजिंग फॉरेस्ट फायर इन ए चेंजिंग क्लाइमेट' नाम की इस स्टडी में पाया गया कि पिछले दो दशकों में जंगल की आग में दस गुना की वृद्धि हुई है. करीब 62 फीसदी से ज्यादा भारतीय राज्य उच्च तीव्रता वाले जंगल की आग से प्रभावित हैं. CEEW की इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने मार्च में ही अकेले उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में जंगल की आग को लेकर कई अहम घटनाएं सामने आई थी.

हाल में राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व में लगी आग को भी बेमौसम माना गया था जिसमें काफी ज्यादा तापमान आग के प्रसार को बढ़ा रहा था. सीईईडब्ल्यू के अविनाश मोहंती ने रिपोर्ट में बताया है कि आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र की जलवायु में तेजी से बदलाव के कारण उच्च तीव्रता वाले जंगल की आग की घटनाएं बढ़ी हैं . रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 30 प्रतिशत से ज्यादा जिले जंगल में भीषण आग लगने के लिहाज से संवेदनशील हैं जो चिंता का विषय है.

सरिस्का के जंगल में आग

इस साल भी देश के कई हिस्सों में गर्मी अपने तमाम रिकॉर्ड्स तोड़ रही है और ऐसे में जंगलो में आग लगने की घटनाएं और बढ़ सकती हैं. हालांकि भारत बहुत बड़ा देश है और यहां कई मौसमी परिघटनाएं स्थानीय प्रभाव के कारण भी होती हैं लेकिन जिस तरह से पिछले महीने के दूसरे पखवाड़े में ही हिमाचल प्रदेश, विदर्भ, गुजरात, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब , हरियाणा और दिल्ली में तापमान अपने रिकॉर्ड तोड़ रहा है. यह चिंता का विषय है क्योंकि सबसे ज्यादा वन या जंगल इन्हीं राज्यों में हैं.

सरिस्का वन अभ्यारण्य में हालिया घटना उस हफ्ते में चौथी जंगल की आग की घटना थी. इससे पहले, जंगल की आग गर्मी के महीनों के दौरान होती थी, जो कि मई और जून के बीच होती थी. अब बसंत के दौरान, मार्च और मई के बीच, जलवायु परिवर्तन के कारण, हमें कई और जंगल की आग की घटनाएं दिखाई देने लगी है.

भारतीय वन सर्वेक्षण की साल 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक,भारत में 36 फीसदी वन क्षेत्र उन क्षेत्रों में आता है जो जंगल की आग से प्रभावित हैं. CEEW स्टडी के मुताबिक करीब 75 फीसदी से अधिक भारतीय जिले आग की घटना को लेकर हॉटस्पॉट हैं. वही करीब 30 फीसदी से अधिक जिले अत्यधिक जंगल की आग वाले हॉटस्पॉट हैं. स्टडी में यह भी पाया गया है कि आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, तेलंगाना और पूर्वोत्तर राज्यों में जंगल की आग का खतरा सबसे अधिक है. स्टडी के अनुसार, मिजोरम में पिछले दो दशकों में सबसे अधिक जंगल में आग लगने की घटनाएं हुई हैं. ऐसे में CEEW ने राज्यों और केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि जल्द अगर जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अलर्ट नही जारी किया गया तो दुनिया के के देशों में जल रहे जंगलो की ही तरह भारत के जंगलों में भी आग लगने की घटनाएं और बढ़ सकती हैं.

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cases of fire in forest are increasing due to extreme hot weather
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Forest Fire: भीषण गर्मी की वजह से जंगलों में बार-बार लग रही है आग
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Forest Fire: भीषण गर्मी की वजह से जंगलों में बार-बार लग रही है आग, टेंशन बढ़ा रहा है पारा