डीएनए हिंदी: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) का भारत दौरा एक बार टल चुका है. वहीं अब रहे रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच बोरिस जॉनसन 21 अप्रैल को भारत पहुंचेंगे. उनकी इस यात्रा को द्विपक्षीय तौर पर तो महत्वपूर्ण माना ही जा रहा है बल्कि इसके वैश्विक प्रभावों की भी चर्चाएं हो रही है. बोरिस 22 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलारात करेंगे. उनकी यात्रा की पुष्टि उनके कार्यालय द्वारा कर दी गई है.
गुजरात से शुरू होगा दौरा
बोरिस 21 अप्रैल को अहमदाबाद से पहली भारत यात्रा शुरू करेंगे, जहां उनका प्रमुख व्यवसायों से मिलने और यूके और भारत के फलते-फूलते वाणिज्यिक, व्यापार और लोगों के संबंधों पर चर्चा करने के कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. यह पहली बार होगा जब कोई ब्रिटिश पीएम गुजरात का दौरा करेगा. ब्रिटेन में ब्रिटिश-भारतीय आबादी के लगभग आधे लोग गुजराती ही हैं.
वहीं पीएम के तौर पर अपनी पहली भारत यात्रा से पहले एक बयान में बोरिस ने कहा, "जैसा कि हम निरंकुश राज्यों से अपनी शांति और समृद्धि के लिए खतरों का सामना करते हैं, यह महत्वपूर्ण है कि लोकतंत्र और मित्र एक साथ रहें। एक प्रमुख आर्थिक शक्ति और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत एक अत्यधिक मूल्यवान है. इस अनिश्चित समय में यूके के लिए भारत एक रणनीतिक साझेदार है.
उन्होंने कहा, "भारत की मेरी यात्रा उन चीजों पर केंद्रित होगी जो हमारे दोनों देशों के लोगों के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण हैं - रोजगार सृजन और आर्थिक विकास से लेकर ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा तक के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. गुजरात में बोरिस यूके और भारत दोनों में प्रमुख उद्योगों में एक बड़े निवेश की घोषणा कर सकते हैं जिससे नौकरियों और विकास को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही साथ अत्याधुनिक विज्ञान, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी पर नए सहयोग की घोषणा की जा सकती है.
हो सकते हैं अहम समझौते
वह इस साल की शुरुआत में शुरू की गई मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता में प्रगति को बढ़ावा देने के लिए यात्रा में कुछ नए ऐलान कर सकते हैं. भारत के साथ एक समझौते का अनुमान है कि 2035 तक यूके के कुल व्यापार को सालाना 28 बिलियन पाउंड तक बढ़ाया जाएगा और पूरे यूके में आय में वृद्धि होगा.
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डाउनिंग स्ट्रीट के अनुसार, ब्रिटिश पीएम इसके बाद 22 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए नई दिल्ली जाएंगे. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बोरिस ब्रिटेन और भारत की रणनीतिक रक्षा, कूटनीतिक और आर्थिक साझेदारी पर गहन बातचीत करेंगे, जिसका उद्देश्य दोनों देशो के बीच करीबी साझेदारी को मजबूत करना और हिंद-प्रशांत में सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना है."
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