डीएनए हिंदीः देश के सबसे बड़े सैनिक CDS Bipin Rawat का हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे में हुआ निधन राष्ट्र के लिए एक क्षति है. CDS जिस हेलिकॉप्टर में थे वो दुनिया का सबसे विश्वसनीय MI17 v5 था. ऐसे में सभी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर ये हादसा हुआ कैसे. ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हादसे में अकेले बचे वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह दे सकते हैं, या फिर हेलिकॉप्टर के Black Box. ये एक वृहद जांच का विषय है जिसकी रिपोर्ट का इंतजार अब पूरा देश कर रहा है.
Black Box से ही खुलेगा राज
इस हादसे की वजह का पता लगाने के लिए फिलहाल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह से बातचीत करना मुश्किल है. हादसे में अकेले जीवित बचे ग्रुप कैप्टन की हालत भी गंभीर है. पूरा देश उनके जल्द स्वास्थ होने की कामना कर रहा है. वहीं इस हादसे को लेकर संसद में बयान देते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी बताया कि उनकी रिकवरी के सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इसके चलते हादसे की वजह पता लगाने के एक ही रास्ता बचता है और वो है हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स.
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मिल चुका है Black Box
CDS Bipin Rawat के हादसे वाले हेलिकॉप्टर MI17 v5 का Black Box मिल चुका है. इसे वायुसेना ने अपने कब्जे में भी ले लिया है. अब ये Black Box ही इस बात का खुलासा कर सकता है कि सीडीएस बिपिन रावत के निधन की वजह बना ये हादसा तकनीकी खामी के कारण हुआ या इस हादसे के पीछे कोई साजिश थी.
क्या होता है Black Box
एक इतने दर्दनाक हादसे का कारण किसी Black Box से कैसे पता चलता है ये आपके लिए भी कौतुहल का विषय हो सकता है. Black Box को लेकर बता दें कि Black Box हेलिकॉप्टर की अंतिम उड़ान, स्थिति और उससे जुड़े अन्य पहलुओं के बारे में डेटा सुरक्षित रखता है.
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Black Box एक उड़ान डेटा रिकॉर्डर चमकीले नारंगी रंग का एक सुरक्षा कंपोनेंट है और यह सभी महत्वपूर्ण उड़ान विवरणों को रिकॉर्ड करता है. इससे उड़ान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले क्या हुआ, उस वक्त क्या लापरवाहियां हुईं, इस बात की पूरी जानकारी सुरक्षित हो जाती है. यही कारण है किसी भी हेलिकॉप्टर या विमान हादसे की वजह जानने में सबसे महत्वपूर्ण Black Box होता है.
ये हैं Black Box की खासियत
Black Box की बात करें तो 1950 के दशक में इसका अविष्कार हुआ था. ये सभी तरह की दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करता है. एयरलाइनर और सेना की जहाज में डिवाइस लगाना जरूरी है. ये Black Box दुर्घटना बाद भी एक्टिव रहता है. ये बिना बिजली एक महीने तक काम करता है और 10,000 डिग्री तापमान सहने की क्षमता भी रखता है.
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