डीएनए हिंदीः उत्तर प्रदेश की सियासत विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद तेजी से बदलती दिख रही है. सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) की भाजपा से बढ़ती नजदीकी उन्हें यूपी विधानसभा में विधानसभा उपाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो सदन में विपक्षी नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के नजदीक ही उनके चाचा बैठेंगे. दरअसल विधानसभा उपाध्यक्ष की सीट सदन में नेता प्रतिपक्ष के ठीक बगल में ही होती है.
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चाचा-भतीजे में बढ़ रहीं दूरियां
पीएसपी प्रमुख शिवपाल यादव इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा सीट से लगातार छठी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. इस बार भी उन्होंने सपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा था. 10 मार्च को जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो इसमें सपा को बहुमत ना मिलने पर शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव पर कई सवाल उठाए थे. दरअसल चर्चा इस बात की है कि सपा शिवपाल यादव को अपने विधायक से ज्यादा सहयोगी दल प्रसपा का अध्यक्ष मानती है.
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नितिन अग्रवाल को भी उपाध्यक्ष बना चुकी है बीजेपी
ऐसा नहीं है कि बीजेपी पहली बार ऐसा करने जा रही है. इससे पहले बीजेपी ने सपा विधायक नितिन अग्रवाल के लिए भी ऐसी ही रणनीति अपनाई थी. बीजेपी ने नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया था. दरअसल ऐसी परंपरा रही है कि विधानसभा का अध्यक्ष सत्ताधारी दल का होता है लेकिन उपाध्यक्ष विपक्ष का होता है. अब नितिन अग्रवाल भाजपा से चुनाव जीत कर योगी सरकार में आबकारी मंत्री हैं.
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Shivpal Yadav को लेकर BJP चल सकती है बड़ा दांव, विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने की चर्चा