डीएनए हिंदी: 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने 2002 के बिलकिस बानो (Bilkis Bano Case) गैंगरेप मामले में 11 दोषियों की सजा माफ करते हुए समय से पहले जेल से रिहा कर दिया. सरकार के इस फैसले के खिलाफ देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस बीच सामाजिक, महिला एवं मानवाधिकार सक्रियतावादियों समेत 6,000 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि दोषियों की सजा माफ करने के गुजरात सरकार के निर्णय को रद्द किया जाए.

एक संयुक्त बयान में कहा, 'गैंगरेप और हत्या के 11 दोषियों की सजा माफ करने से उन प्रत्येक रेप पीड़िता पर हतोत्साहित करने का वाला प्रभाव पड़ेगा जिन्हें कानून व्यवस्था से न्याय मिलने का भरोसा है. हम मांग करते हैं कि न्याय व्यवस्था में महिलाओं के विश्वास को बहाल किया जाए और बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की सजा माफ करने के फैसले को तत्काल निरस्त किया जाए. बयान में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया कि दोषियों को उम्रकैद की सजा पूरी करने के लिए वापस जेल भेजा जाए.

ये भी पढ़ें- Bilkis Bano मामले के कुछ दोषी 'अच्छे संस्कारों वाले' और 'ब्राह्मण' हैं- भाजपा विधायक

इन संगठनों ने SC से की अपील
बयान जारी करने वालों में हसीना खान, सैयदा हमीद, देवकी जैन, रूप रेखा, उमा चक्रवर्ती, कविता कृष्णन, मैमूना मुल्ला, शबनम हाशमी, रचना मुद्राबाइना और जफरुल इस्लाम खान समेत अन्य शामिल हैं. वहीं, नागरिक अधिकार संगठनों में सहेली वूमन्स रिसोर्स सेंटर, ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वूमन्स एसोसिएशन, गमन महिला समूह, बेबाक कलेक्टिव शामिल हैं.

कौन है बिलिकल बानो (Who is Bilkis Bano?)
बिलकिस बानो गुजरात में रहने वाले उन तमाम मुस्लिमों में से एक थी जो सन् 2002 के गुजरात दंगों के बाद प्रदेश छोड़कर जाना चाहते थे. बिलकिस अपने परिवार के साथ गुजरात से किसी दूसरी जगह जाने की कोशिश कर रही थीं. उनके साथ उनकी छोटी बच्ची और परिवार के 15 अन्य सदस्य भी थे. उस वक्त गुजरात में हिंसा भड़की हुई थी. 3 मार्च को 5 महीने की गर्भवती बिलकिस बानो अपने परिवार और अन्य कई परिवारों के साथ एक सुरक्षित जगह के आसरे की तलाश में छिपी थीं, जहां 20-30 आदमियों ने हथियारों के साथ हमला कर दिया. इस दंगे में बिलकिस बानों के परिवार के  7 लोग मारे गए जबकि बिलकिस का गैंगरेप किया गया. उनकी 3 साल की बेटी को भी मार दिया गया. इस जघन्य अपराध के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.

ये भी पढ़ें- दोषियों की रिहाई ने मेरी शांति छीनी... बिलकिस बानो बोलीं - 'न्याय पर मेरा विश्वास हिल गया'
 
CBI की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को 21 जनवरी 2008 को सामूहिक बलात्कार और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में बंबई हाई कोर्ट ने भी उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा. इन दोषियों ने 15 साल से ज्यादा कैद की सजा काट ली, जिसके बाद उनमें से एक दोषी ने समय से पहले रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Bilkis Bano Case Appeal 6000 people Supreme Court Decision to release the culprits should be canceled
Short Title
Bilkis Bano Case: दोषियों की रिहाई के फैसले को SC से रद्द करने की अपील
Article Type
Language
Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
बिलकिस बानो
Caption

बिलकिस बानो

Date updated
Date published
Home Title

Bilkis Bano Case: दोषियों की रिहाई के मामले में 6,000 लोगों की SC से अपील, रद्द किया जाए ये फैसला