डीएनए हिंदी: होली पर बिहार के कई जिलों में कथित रूप से जहरीली शराब पीने की वजह से 35 से ज्यादा लोगों की मौत की बात सामने आई है. इस मुद्दे पर बिहार सरकार घिरी हुई है. विपक्षी दल लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इस मसले पर हमला बोल रहे हैं.
इस बीच नीतीश कुमार की पार्टी के विधायक गोपाल मंडल ने जहरीली शराब की वजह से हुई मौतों पर विवादित बयान दिया है. जदयू विधायक गोपाल मंडल ने मीडिया से बातचीत ने कहा कि जहरीली शराब से 32 मौत हों या 50 मौत हों, इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि लोग मरेंगे तो तो जनसंख्या घटेगी, जब सरकार ने शराब बंद कर दी है तो लोग शराब क्यों पी रहे हैं?
गोपाल मंडल ने कहा कि 32 मौत हो या 50 मौत हो इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने आगे कहा, "आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार का जितना दारू का ठेका था सब बंद कर दिया. अब लोग मानते नहीं उनका कहना है कि दारू नहीं पियो, मरोगे. ऐसे भी जो दारू पीता है न उसका हर चीज समाप्त होता जाता है."
बिहार के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सारे पुलिस महकमे के लोग शराब माफियाओं से मिले रहते हैं. अगर थानेदार चाह ले तो एक बूंद दारू नहीं बिकेगी तो बिलकुल नहीं बिकेगी.
पुलिस बोली- जहरीली शराब नहीं, कुछ और हो सकती है वजह
बिहार पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि होली के दौरान विभिन्न जिलों में हुई अधिकतर मौतों की वजह जहरीली शराब नहीं बल्कि कुछ और भी हो सकती हैं. स्थानीय लोगों ने होली के दौरान हुई मौतों के लिए जहरीली शराब को जिम्मेदार ठहराया है.
पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बांका जिले में सबसे अधिक 10 मौत होने की खबर है और निषेध एवं उत्पाद शुल्क के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी है. जिलाधिकारी का कहना है कि प्रशासन द्वारा की जा रही जांच में पीड़ित परिवारों के सदस्यों के बयान दर्ज किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि सभी ने दावा किया है कि मृतकों ने शराब का सेवन नहीं किया था और उनके अनुरोध पर बिना पोस्टमार्टम कराए शवों को अंतिम संस्कार के लिए परिवारों को सौंप दिया गया. पुलिस मुख्यालय ने जिलाधिकारी की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि भागलपुर के साहिबगंज इलाके में दो लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार है.
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