डीएनए हिंदी: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि वे शराबबंदी पर नए सिरे से सर्वे कराएंगे. रविवार को शराबबंदी के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक उन्होंने एक नए सर्वेक्षण की अपील की है. उनकी सरकार ने सात साल से अधिक समय पहले राज्य में शराबबंदी लागू की थी. नीतीश कुमार ने नशामुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित एक सरकारी समारोह में ये बातें कही हैं.
हर साल इस तिथि को नशामुक्ति दिवस मनाया जाता है जिसके तहत सरकारी अधिकारी और अन्य सार्वजनिक हस्तियां नशे के खिलाफ राज्य की लड़ाई को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं. नीतीश कुमार ने उस दौर का भी जिक्र किया, जब उन्हें शराब से नफरत हो गई थी.
नीतीश कुमार को आई पुराने दिनों की याद
नीतीश कुमार ने कहा, 'जिस स्थान पर मैंने अपना बचपन बिताया था, वह इस बुराई से मुक्त था. जब मैं इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए पटना आया और किराए के जिस मकान में मैं रहता था, वहां पड़ोस में कुछ लोग शराब पीते थे और उपद्रव करते थे.'
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शराबबंदी को सही ठहरा रहे हैं नीतीश कुमार
उन्होंने अपने राजनीतिक गुरू कर्पूरी ठाकुर के शासन में राज्य में शराबबंदी की अल्पकालिक कोशिश का जिक्र करते हुए कहा, 'सरकार दो साल से अधिक नहीं चली और उसके बाद के शासन द्वारा शराब पर प्रतिबंध हटा दिया गया. कई बडे लोगों के कड़े विरोध के बावजूद, हमने अप्रैल, 2016 में कदम उठाया. 2018 में किए गए एक सर्वेक्षण में इसका सकारात्मक परिणाम दिखा.'
बिहार में 82 लाख लोगों ने छोड़ी शराब
कर्पूरी ठाकुर 1970 के दशक में जनता पार्टी के नेता के रूप में मुख्यमंत्री बने थे. नीतीश कुमार ने कहा, '2018 में सर्वे कराया गया तो पता चला कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है. वर्ष 2023 के सर्वे से पता चला कि एक करोड़ 82 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है. सर्वे से यह भी पता चला कि 99 प्रतिशत महिलायें जबकि 92 प्रतिशत पुरुष शराबबंदी के पक्ष में हैं. शराबबंदी को लेकर प्रतिदिन हमारे पास रिपोर्ट आती है. शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में बहुत लोग पकड़े गए हैं.'
अधिकारियों को दोबारा सर्वे कराने की दी सलाह
नीतीश कुमार ने कहा, 'आपलोग ठीक ढंग से एक बार फिर से शराबबंदी का सर्वे कीजिए. हम तो कहेंगे एक-एक घर में जाकर पता कीजिए कि शराबबंदी का क्या प्रभाव है. हमलोगों ने जाति आधारित गणना कराई जिसमें एक-एक घर जाकर सभी चीजों की जानकारी ली गयी. उसी प्रकार एक-एक घर जाकर शराबबंदी को लेकर ठीक ढंग से आंकलन कीजिए. सर्वे से ये पता चल जाएगा कि कौन-कौन लोग इसके पक्ष में हैं और कौन-कौन इसके खिलाफ . इससे पता चलेगा कि कितने लोग इसके पक्ष में हैं.'
नीतीश कुमार ने कही ये जरूरी बात
नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ राज्यों में शराबबंदी लागू है लेकिन वहां इस पर अच्छे से काम नहीं होता है. कुमार ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी शराब पीने से होनेवाले दुष्परिणामों को लेकर सर्वे किया था और उसका रिपोर्ट जारी किया था. उनका कहना था कि शराब पीने से कई प्रकार की बीमारियां होती हैं और 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटना शराब पीने के कारण होती है. (इनपुट: भाषा)
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बिहार में शराबबंदी पर फिर से सर्वे कराएगी नीतीश सरकार, ये है वजह