Bhopal Drugs Factory: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के करीब ऐन प्रदेश की नौकरशाही की नाक के तले नशे की फैक्ट्री चलती मिली है. गुजरात एंटी टैररिज्म स्क्वॉयड (ATS Gujarat) और दिल्ली नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB Delhi) ने जॉइंट ऑपरेशन चलाते हुए जब इस फैक्ट्री पर छापा मारा तो अधिकारियों की आंखें फटी रह गई. भोपाल के बाहर बागरोडा इंडस्ट्रियल एरिया में मौजूद इस फैक्ट्री में 1,800 करोड़ रुपये की मेफेड्रोन (Mephedrone) ड्रग्स की नशीली खेप जब्त की गई है. MD पिल्स नाम से मशहूर ये ड्रग्स इस तरह पैकेट्स में पैक की जा रही थी, जिस तरह वॉशिंग पाउडर फैक्ट्री में उसके पैकेट तैयार किए जाते हैं. इस जॉइंट ऑपरेशन में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि अब तक यह पता नहीं चला है कि इस ऑपरेशन का पिछले दिनों दिल्ली में पकड़ी गई 5,600 करोड़ रुपये की नशीली ड्रग्स से कोई ताल्लुक है या नहीं. फिलहाल कागजी कार्रवाई की जा रही है. यह देश में अब तक पकड़ी गई नशे की सबसे बड़ी खेप में से एक मानी जा रही है.
बिना नंबर प्लेट की गाड़ियों से मारा गया छापा
गुजरात एटीएस (Gujarat Anti-Terrorism Squad) के अधिकारियों ने दिल्ली एनसीबी (Narcotics Control Bureau) की टीम के साथ बागरोडा इंडस्ट्रियल एरिया में छापा मारा. दोनों टीम बिना नंबर प्लेट की गाड़ियों में फैक्ट्री पर पहुंची, जो करीब 2,500 गज के शेड के अंदर चलाई जा रही थी. इस दौरान फैक्ट्री में नशीली ड्रग्स को पैक करने का काम चल रहा था.
दो लोग किए गए गिरफ्तार
जॉइंट ऑपरेशन में मौके पर दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से एक का नाम सान्याल प्रकाश बाने और दूसरे का नाम अमित चतुर्वेदी है. दोनों ही इस फैक्ट्री के संचालन के मास्टरमाइंड माने जा रहे हैं. प्राथमिक जांच में सामने आया है कि सान्याल प्रकाश बाने इससे पहले भी गिरफ्तार हो चुका है. साल 2017 में बाने को MD Drug केस में ही मुंबई के अंबोली में पुलिस ने अरेस्ट किया था. इसके लिए वह 5 साल जेल की सजा भी काट चुका है. जेल से छूटने के बाद उसने अमित चतुर्वेदी के साथ मिलकर यह फैक्ट्री बनाई थी.
छह महीने से चलाई जा रही थी फैक्ट्री
जांच में सामने आया है कि बाने और चतुर्वेदी ने मिलकर करीब छह महीने पहले बागरोडा इंडस्ट्रियल एरिया में यह शेड किराये पर लिया था. दोनों ने यहां MD Drugs बनाने के लिए रॉ मैटीरियल और उपकरण जुटाए गए और इस प्रतिबंधित सिंथेटिक ड्रग्स को बनाना शुरू कर दिया. NCB और ATS की हालिया जांच में यह फैक्ट्री देश में अवैध ड्रग्स बनाने के सबसे मेजर हब्स में से एक के तौर पर सामने आई थी, जिसमें रोजाना 25 किलोग्राम MD बनाई जा रही थी.
907 किलोग्राम MD ड्रग्स मिली फैक्ट्री में
छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में 907 किलोग्राम MD ड्रग्स बनी हुई मिली, जबकि करीब 5,000 किलोग्राम रॉ मैटीरियल व ड्रग्स बनाने के उपकरण भी मिले हैं. इसके अलावा ग्राइंडर्स, मोटर्स, ग्लास फ्लास्क्स, हीटर्स और कैमिकल प्रोसेसिंग में यूज होने वाले अन्य सामान भी मिले हैं.
अब तक की सबसे बड़ी फैक्ट्री
ATS गुजरात के अधिकारी के मुताबिक, यह एटीएस गुजरात द्वारा पकड़ी गई आज तक की सबसे बड़ी अवैध ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री है. इस फैक्ट्री में भारी मात्रा में एमडी ड्रग्स बनाने की क्षमता थी, जो निश्चित तौर पर अलग-अलग रीजन में भेजी जा रही है. फिलहाल जांच जारी है और अधिकारी इस मामले में कोई भी कमजोर पहलू नहीं छोड़ना चाहते हैं. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये ड्रग्स कहां-कहां बेची जा रही थी और कौन-कौन लोग खरीदार हैं. साथ ही इस खरीद-बेच के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन किस तरह होते थे, ये भी जानकारी पूछी जा रही है. साथ ही इस ड्रग्स रिंग के अन्य मेंबर्स की भी पहचान की जा रही है, जिनमें से ज्यादातर अवैध ड्रग्स के डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े हुए हैं.
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भोपाल में 1,800 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त, फैक्ट्री में वॉशिंग पाउडर जैसे हो रही थी पैक