डीएनए हिंदी: नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की 125वीं जयंती के मौके पर बर्लिन में भारतीय दूतावास ने उनके सम्मान में एक विशेष प्रदर्शनी का अनावरण कर पराक्रम दिवस आयोजित किया. इस प्रदर्शनी का नाम "बोस 125" रखा गया है. इसमें नेताजी के दुर्लभ व्यक्तिगत पत्र और यादगार वस्तुएं शामिल हैं. इस प्रदर्शनी का उद्घाटन जर्मनी दूतावास में भारत के राजदूत हरीश पार्वथनेनी और नेताजी की बेटी प्रो. डॉ. अनीता बोस (Dr. Anita Bose) द्वारा किया गया.
भारत सरकार का बड़ा कदम
साल 2021 से भारत सरकार 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के तौर पर मना रही है. वहीं अब सरकार ने गणतंत्र दिवस समारोह को भी 24 की बजाए 23 जनवरी से मनाने का ऐलान कर दिया है जिसे नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की श्रद्धांजलि के तौर पर देखा जा रहा है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने इस अवसर को यादगार बनाने के लिए इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का उद्घाटन किया भी किया.
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वहीं पराक्रम दिवस के इस अवसर पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ट्वीट कर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने नेताजी की अदम्य राष्ट्रभक्ति कि भावना और मातृभूमि के प्रति समर्पण को युवाओं सहित सभी भारतीयों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत बताया है.
फैसले की हो रही तारीफ
नेताजी के परिवार से जुड़े प्रवासी भारतीय नागरिक डॉ बोस फाफ ने भारत सरकार के इस कदम के लिए सराहना व्यक्त की है और नेताजी के जन्मदिन से ही गणतंत्र समारोह शुरू करने के फैसले को सकारात्मक बताया है. वहीं भारतीय राजदूत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि भारत की स्वतंत्रता में उनकी (नेताजी सुभाष चन्द्र बोस) भूमिका के लिए देश हमेशा नेताजी का ऋणी रहेगा.
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