Bengaluru Viral Video: हिंदी भाषा के सामने कर्नाटक में कन्नड़ भाषा और तमिलनाडु में तमिल भाषा को तवज्जो देने का विवाद इस समय गर्माया हुआ है. इसे लेकर इन राज्यों की सरकारों और केंद्र सरकार के बीच जुबानी जंग भी छिड़ी हुई है. बेंगलुरु में हालिया महीनों में कई बार हिंदी या कोई अन्य भाषा बोलने वाले डिलीवरी बॉय आदि के साथ विवाद के भी हालात बन चुके हैं, जिनमें स्थानीय लोग कन्नड़ सीखने की सलाह देते देखे गए हैं. ऐसे माहौल में बेंगलुरु में एक कैफे के साइनबोर्ड ने हंगामा खड़ा कर दिया है. बेंगलुरु के विद्यानारायणपुरा के श्री गुरु दर्शन कैफे के साइनबोर्ड पर 'हिंदी ऑफिशियल लेंग्वेज है' की लाइन स्क्रॉल होने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे सोशल मीडिया पर भाषा को लेकर बहस फिर से छिड़ गई है.
पुलिस को करना पड़ा है मामले में हस्तक्षेप
भाषा से जुड़ा मामला इस समय इतना संवेदनशील हो गया है कि इस वीडियो को लेकर कर्नाटक पुलिस को भी हस्तक्षेप करना पड़ा है. विद्यानारायणपुरा पुलिस स्टेशन की टीम को स्थानीय स्तर पर जाकर इस बोर्ड की छानबीन करनी पड़ी है. कर्नाटक पुलिस ने एक्स पोस्ट में कन्नड़ भाषा में स्पष्ट किया कि यह बोर्ड किसी बाबू नाम के व्यक्ति ने लगाया है और कैफे मालिक को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. कैफे मालिक को जब इस बारे में बताया गया तो उसने बिलबोर्ड को हटा दिया है. पुलिस ने कहा है कि हम हालात पर नजर रख रहे हैं.
Peak Bengaluru Moment: Vidyaranyapura Cafe Sparks Language Debate with ‘Hindi is Official Language’ Board
— Karnataka Portfolio (@karnatakaportf) March 20, 2025
In the midst of ongoing language tensions between Kannada and Hindi in Bengaluru, a new controversy has emerged in Vidyaranyapura. A local eatery, Sri Guru Darshan Cafe, has… pic.twitter.com/Xe3pQ5r7Ba
पुलिस के पोस्ट पर आए हैं ढेरों रिएक्शन
पुलिस के एक्स पोस्ट पर यूजर्स ने जमकर रिएक्शन दिए हैं, जिनमें लोगों की बंटी हुई राय दिखाई दे रही है. एक यूजर ने लिखा,'भाषा की समस्या के कारण बेंगलुरु बाहरी लोगों के लिए बेहद अप्रिय हो गया है. पिछले साल मैं वहां गया था और सिटी बस में चढ़ा था. मैंने हिंदी में टिकट मांगा तो कंडक्टर ने मेरी बात सुनने से इनकार कर दिया. मैं हैरान रह गया. मैं फिर कभी वहां नहीं गया.' दूसरे यूजर ने लिखा,'यह भड़काऊ है. भूमि और इसकी संस्कृति का सम्मान करें. लेकिन लोगों को किसी निष्कर्ष पर पहुंचने और किसी व्यवसाय को बदनाम करने से पहले कृपया यह पता लगाना चाहिए कि यह काम मालिक ने किया है या किसी प्रतिशोधी कर्मचारी ने.' तीसरे यूजर ने लिखा,'क्या उनका कहने का मतलब है कि वहां जाने वाले कस्टमर्स को हिंदी आनी चाहिए? यदि ऐसा है तो इसे सख्ती के साथ शहर में तनाव फैलाने के लिए बंद कर देना चाहिए, जो इस भाषा विवाद के कारण पहले ही उबल रहा है.' इसी तरह बहुत सारे यूजर्स ने अपनी राय इस पोस्ट पर दी है.
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'हिंदी ऑफिशियल लेंग्वेज है' भाषा विवाद के बीच बेंगलुरु में Cafe के साइनबोर्ड पर स्क्रॉल होने लगी लाइन, मचा हंगामा