डीएनए हिंदी: Bhatinda Army Cantt Assault- पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में फायरिंग कर 4 जवानों की हत्या करने की घटना टैरर अटैक था. इस घटना की जिम्मेदारी दो अलग-अलग आतंकी संगठनों सिख फॉर जस्टिस (Sikh For Justice) और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) ने ली है. SFJ चीफ गुरपतवंत पन्नू ने वीडियो जारी कर आगे भी ऐसे हमले होने की चेतावनी दी है. इन दावों की सत्यता की जांच शुरू कर दी गई है. उधर, इस घटना की जांच के लिए दिल्ली से सेना का विशेष जांच दल (SIT) भी बठिंडा कैंट पहुंच गया है. कैंट में मौजूद हर जवान और उसके परिवार की गिनती की जा रही है. इसके अलावा घटना का सीन भी रिक्रिएट करके देखा जा रहा है ताकि कोई सुराग जुटाया जा सके.
दो नकाबपोश हमलावरों ने दिया था घटना को अंजाम
बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में बुधवार सुबह करीब 4.30 बजे हमला किया गया था. इस हमले में कुर्ता-पायजामा पहने दो नकाबपोश हमलावरों ने सुरक्षाबलों द्वारा इस्तेमाल की जा रही INSAS असॉल्ट राइफल और कुल्हाड़ी से हमला किया था. इस हमले में 80 मीडियम रेजीमेंट के 4 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के तीन दिन बाद भी यह सवाल अनसुलझा ही था कि हमलावर बाहर से आए थे या मिलिट्री स्टेशन के अंदर मौजूद जवानों ने ही आपसी रंजिश में वेश बदलकर यह घटना की है. अब एकसाथ दो आतंकी संगठनों के इस हमले की जिम्मेदारी लेने से मामला और उलझ गया है.
पन्नू ने कहा- अलग खालिस्तान बनने तक होंगे हमले
प्रतिबंधित आतंकी संगठन SFJ के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इस घटना को लेकर एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में पन्नू ने इसे अपने संगठन की तरफ से किया गया हमला बताया. साथ ही कहा कि पंजाब को अलग खालिस्तान देश बनाए जाने तक ऐसे हमले होते रहेंगे. पन्नू ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पर भी हमले की चेतावनी दी है.
KTF ने बताया सिखों की हत्या का बदला
SFJ के अलावा आतंकी संगठन KTF के अजीत सिंह ने भी इस हमले की जिम्मेदारी ली है. अजीत सिंह ने KTF के लैटरहेड पर जारी बयान में इसे सिखों की हत्या का बदला बताया है. अजीत सिंह ने कहा है कि भारतीय सेना ने 1984 में गोल्डन टेंपल पर हमला किया था. यह उसी का बदला लिया गया है.
दिल्ली से आई टीम ने शुरू कर दी है जांच
इस पूरी घटना की जांच के लिए दिल्ली से सेनाधिकारियों की SIT बठिंडा कैंट पहुंच गई है. इस टीम ने सबसे पहले कैंट के अंदर मौजूद सभी जवानों, अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों की गिनती शुरू कराई है. इस कवायद के जरिये टीम यह पता लगाना चाहती है कि कोई इस घटना के बाद गायब तो नहीं हुआ है. ऐसा होने पर यह घटना आपसी रंजिश का नतीजा होने के संदेह की पुष्टि हो सकती है. इसके अलावा क्राइम सीन को कई बार रिक्रिएट किया गया है. इससे हमलावरों के भागने की दिशा का अंदाजा लगाया जा रहा है. इससे भी यह जानकारी मिल सकती है कि क्राइम करने वाले कैंट के अंदर से ही थे या बाहर से आए थे.
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टैरर अटैक थी बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में फायरिंग? SFJ ने ली जिम्मेदारी, दिल्ली से पहुंची SIT कर रही जांच