Rashid Engineer Bail: आतंकियों के लिए फंडिंग जुटाने के आरोपी बारामुला के सांसद राशिद इंजीनियर को जमानत मिल गई है. दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को टैरर फंडिंग केस में राशिद को 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. जम्मू-कश्मीर के प्रमुख अलगाववादी नेताओं में से एक राशिद को अब्दुल्ला परिवार का धुर विरोधी माना जाता है. उन्होंने हालिया लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) को बारामुला सीट पर जबरदस्त तरीके से दो लाख से ज्यादा वोट से हराकर उन्हें करारा झटका दिया था. ऐसे में राशिद को जमानत मिलने से राज्य में विधानसभा चुनाव (Jammu and Kashmir Elections 2024) अब और ज्यादा रोचक होने के आसार बन गए हैं.
चुनावों के लिए ली है जमानत
अब्दुल रशीद शेख उर्फ राशिद इंजीनियर की जमानत जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से कुछ पहले हुई है. पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होगा, जबकि आखिरी चरण के वोट 1 अक्टूबर को डाले जाएंगे. राशिद इंजीनियर 2 अक्टूबर को जमानत खत्म होने पर वापस जेल लौट जाएंगे. इससे माना जा रहा है कि वह केवल विधानसभा चुनाव के लिए ही जमानत पर बाहर आ रहे हैं.
Delhi court grants interim bail till October 2 to Lok Sabha MP Engineer Rashid in terror funding case
— Press Trust of India (@PTI_News) September 10, 2024
भाई को चुनाव लड़ाने के लिए आ रहे हैं बाहर
राशिद इंजीनियर के भाई खुर्शीद अहमद उत्तरी कश्मीर की लंगेट सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. खुर्शीद को अवामी इत्तिहाद पार्टी (एआईपी) ने टिकट दिया है. राशिद इसी सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं और यह उनके दबदबे वाला इलाका माना जाता है. इस कारण माना जा रहा है कि राशिद इंजीनियर अपने भाई को चुनाव लड़ाने के लिए ही बाहर आ रहे हैं.
अब जान लीजिए राशिद इंजीनियर का पूरा प्रोफाइल
उत्तरी कश्मीर की राजनीति का बड़ा नाम माने जाने वाले राशिद इंजीनियर 5 साल से जेल में बंद हैं. AIP के संस्थापकों में से एक राशिद को साल 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकियों को फंडिंग करने के आरोप में UAPA (गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक का कानून) के तहत गिरफ्तार किया था. उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है. साल 2019 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुहम्मद अकबर लोन से AIP के टिकट पर लड़कर लोकसभा चुनाव हारे राशिद ने इस बार भी बारामुला सीट से चुनाव लड़ा था. उन्होंने इस बार जेल में बंद रहते हुए भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़कर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को बुरी तरह हराया है. रशीद को चार लाख 72 हजार वोट मिले जबकि उमर अब्दुल्ला को दो लाख 68 हजार वोट ही हासिल हुए हैं.
25 साल तक सरकारी सिविल इंजीनियर रहे हैं राशिद
जम्मू्-कश्मीर के हंदवाड़ा कस्बे के लाछ, मावर में जन्मे राशिद ने श्रीनगर पॉलीटेक्निक से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. करीब 25 साल तक एक सरकारी विभागमें सिविल इंजीनियर रहे राशिद को पहली बार चर्चा साल 2003 के आसपास मिली थी. राशिद ने कश्मीर के उर्दू अखबार में राजनीतिक मुद्दों पर और भारतीय सेना के कथित मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ लेख लिखने शुरू किए. इन्हें चर्चा मिली तो वो धरने-प्रदर्शन में भी शामिल होने लगे. तीन बच्चों के पिता राशिद खुद को कश्मीर समस्या शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का समर्थक बताते हैं. गैरराजनीतिक परिवार से संबंध रखने वाले राशिद ने पहली बार 2008 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर और दूसरी बार 2014 में अपनी अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) के उम्मीदवार के तौर पर कुपवाड़ा जिले की लंगेट विधानसभा सीट पर चुनाव जीता था. वह विधायक बनने के बाद भी बिना सिक्योरिटी और अन्य तामझाम के साधारण आदमी की तरह छोटी सी निजी कार में घूमने के लिए जनता में बेहद मशहूर थे.
राशिद इंजीनियर से जुड़े चर्चित विवाद
- राशिद इंजीनियर जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना पर पत्थरबाजी करने वालों पर पैलेट गन से फायर करने का विरोध करके विवाद में फंसे थे.
- 2015 में राशिद इंजीनियर पर बीफ (गोमांस) पार्टी बुलाने का आरोप लगा. इस आरोप में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर BJP विधायकों ने उनसे धक्का-मुक्की भी की थी.
- 2015 में ही राशिद इंजीनियर को दिल्ली के प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम में भी विरोध का सामना करना पड़ा. उन पर काली स्याही भी फेंकी गई थी.
- जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के खिलाफ राशिद इंजीनियर ने सड़कों पर प्रदर्शन किया था और धरने दिए थे.
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सांसद रशीद इंजीनियर को मिली जमानत, Jammu-Kashmir Assembly Elections के बाद लौटेंगे जेल