Maharashtra-Jharkhand Assembly Election Results 2024: लोकसभा चुनावों के बाद देश में पहला चुनावी बिगुल हरियाणा-जम्मू और कश्मीर में बजा था. वहां भाजपा (BJP) नेतृत्व वाले NDA और कांग्रेस (Congress) की अगुआई वाले I.N.D.I.A के बीच बाजी बराबर रही थी. इसके बाद सबकी निगाहें महाराष्ट्र और झारखंड पर टिकी हुई है, जहां विधानसभा चुनावों को लेकर पिछले एक महीने से चल रही रस्साकशी का फैसला शनिवार (23 नवंबर) को मतगणना के बाद हो जाएगा. इन दोनों राज्यों में शनिवार सुबह 8 बजे मतगणना शुरू हो जाएगी. महाराष्ट्र में 288 सीटों और झारखंड में 81 विधानसभा सीटों पर नतीजा घोषित होना है, जिसके बाद तय होगा कि बाजी NDA या I.N.D.I.A में से किसके हाथ लगेगी.
राष्ट्रीय राजनीति तक असर डालेंगे ये नतीजे
महाराष्ट्र और झारखंड में केवल सरकार बनाने की कवायद नहीं है बल्कि यह राजनीतिक गठबंधनों के बीच के समन्वय का नतीजा तय करने वाली फाइट भी है. इसके बाद दोनों राज्यों में नतीजे के आधार पर पहले से बने गठबंधन टूटते हुए और नए सिरे से बनते हुए दिखाई दे सकते हैं, जिनका असर राष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाई देगी.
महाराष्ट्र में बिखरेगा महायुति या टूटेगा महाविकास आघाड़ी?
महाराष्ट्र में भाजपा नेतृत्व में शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) की मौजूदगी वाले महायुति (Mahayuti) और कांग्रेस के नेतृत्व में एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की मौजूदगी वाले महाविकास आघाड़ी (MVA) के बीच में मुकाबला है. इन गठबंधनों में चुनाव के दौरान ही आपसी खटपट के सुर सुनाई देने लगे थे, जो रिजल्ट के आने पर अलगाव में बदलते दिख सकते हैं. यहां दोनों गठबंधनों में कड़ा मुकाबला है. 2019 में 61.1% मतदान में भी भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन ने बाजी मारी थी, लेकिन तब शिवसेना एक थी और एनसीपी विपक्ष में एकजुट थी. इस बाहर मतदान 66.05% रहा है, जिसके बारे में आकलन लगाना सभी राजनीतिक पंडितों को भारी दिख रहा है. हालांकि एग्जिट पोल में भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन के पक्ष में बाजी बताई गई है, लेकिन हालिया चुनावों में एग्जिट पोल बिगड़ते हुए ही दिखाई देते रहे हैं.
बागी उम्मीदवार बिगाड़ रहे महाराष्ट्र में दोनों गठबंधनों के गणित
महाराष्ट्र में 288 सीटों में बहुमत का जादुई आंकड़ा 145 का है. महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस ने 101, शिवसेना (UBT) ने 95 और एनसीपी (शरद पवार) ने 86 सीट पर कैंडिडेट उतारे थे, जबकि महायुति में भाजपा ने 149 सीट, शिवसेना ने 81 सीट और अजित पवार ने 59 सीट पर चुनाव लड़ा था. दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा ठोक रही हैं, लेकिन दोनों के ही दिल में बागी उम्मीदवारों ने डर पैदा कर रखा है, जो कम से कम 31 सीटों पर भाजपा के महायुति गठबंधन का खेल खराब कर सकते हैं. इसी तरह महाविकास आघाड़ी की नींद भी बागी उम्मीदवारों ने उड़ा रखी है.
झारखंड में क्या हिल पाएगी सोरेन परिवार की सत्ता?
झारखंड में भाजपा-JDU और LJPR के गठबंधन ने झामुमो-कांग्रेस और राजद के गठबंधन को चुनौती दे रखी है. झारखंड की राजनीति झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन के परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है. इस बार यदि भाजपा उन्हें हराने में सफल रहती है तो राज्य में उसका राजनीतिक प्रभाव हमेशा के लिए बढ़ जाएगा. यह भी तय होगा कि भाजपा को झामुमो खेमे से पूर्व प्रधानमंत्री चंपई सोरेन के आने का कितना लाभ मिला है? यदि भाजपा जीतती है तो चंपई सोरेन का भी राजनीतिक कद बढ़ जाएगा. इससे यह भी तय होगा कि भाजपा पिछले 5 साल से जिस तरह लगातार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हेमंत सोरेन को घेरती रही और उन्हें जेल तक भेजने में सफल रही, उसका जनता में क्या संदेश गया है?
दो चरण के मतदान में EVM में बंद हुआ है 683 लोगों का भाग्य
झारखंड में 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए 683 कैंडिडट मैदान में थे. राज्य में दो चरण में चुनाव कराया गया है, जिन में कुल 65.2% मतदान हुआ है. राज्य में कौन से गठबंधन के हाथ बाजी लगी है. इसका फैसला दोपहर से पहले ही स्पष्ट हो जाने की संभावना है. यह तय है कि झारखंड का नतीजा उसके बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों की दिशा और दशा को तय करेंगे, जहां इसी गठबंधन से भाजपा-जेडीयू-एलजेपीआर का सामना होगा.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments
किसके सिर बंधेगा महाराष्ट्र-झारखंड में सेहरा? कुछ घंटे में आएगा नतीजा