डीएनए हिंदी: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' (Red Light On-Gaadi Off) कैंपेन से जुड़ी फाइल एक बार फिर उपराज्यपाल वीक सक्सेना के पास भेजी है. उपराज्यपाल ने इस फाइल को यह कहकर लौटा दिया था कि इस कैंपेन के फायदे के कोई सबूत नहीं है. दिल्ली सरकार ने अब दोबारा इस फाइल को एलजी के पास भेजा है और इसके फायदे के सबूत भेजे हैं.
AAP सरकार ने एलजी को भेजी फाइल में तर्क दिए कि प्रदूषण कम करने के लिए 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान को भारत के 40 शहरों में चलाया गया. अमेरिका और लंदन में भी ऐसे कैंपेन चलाए गए. उन्होंने कहा कि CRRI के मुताबिक, आमतौर पर केवल 20% लोग लालबत्ती होने पर अपनी गाड़ी को बंद करते हैं. लेकिन 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' कैंपेन के शुरू होने के बाद 80% लोग लालबत्ती पर अपनी गाड़ी बंद कर देते हैं.
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LG ने लौटा दी थी कैंपेन की फाइल
बता दें कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को 'रेड लाइट ऑन गाडी ऑफ' कैंपेन की फाइल को लौटा दिया था. उपराज्यपाल ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल को अभियान पर पुनर्विचार करने और राष्ट्रीय राजधानी के बढ़ते प्रदूषण स्तर को रोकने के लिए सुझावों पर विचार करना चाहिए.
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गौरतलब है कि रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ कैंपेन में ड्राइवरों को ट्रैफिक सिग्नल पर अपने वाहनों के इंजन बंद करने और बत्ती के हरे होने का इंतजार करने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है. इस मामले में आप सरकार को उम्मीद थी कि इस अभियान से वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी. सक्सेना ने अत्यधिक प्रदूषित यातायात चौराहों और साइटों पर नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (सीडीवी) के "अमानवीय" और "शोषक उपयोग" पर आपत्ति जताई है.
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दिल्ली सरकार ने फिर LG को भेजी 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' कैंपेन की फाइल, दिए ये तर्क