डीएनए हिंदी: भारत और चीन (India & China) के बीच पिछले लगभग दो वर्षों से चल रहे सीमा विवाद को लेकर आज 14वें दौर की सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत जारी है. वहीं इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा है कि आंशिक तौर पर दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे हैं लेकिन अभी भी टकराव कम नहीं हुआ है. चीन के साथ चल रही बातचीत के बीच उनका यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
सेना प्रमुख का बड़ा बयान
दरअसल, भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम.एम नरवणे (General M.M. Naravane) ने अपनी वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “बीते साल जनवरी से हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर सकारात्मक विकास हुआ है. उत्तरी सीमाओं पर हमने संचालनात्मक तैयारियों के उच्चतम स्तर को बनाए रखना जारी रखा.” उन्होंने कहा, “बातचीत के माध्यम से चीनी सेना के साथ जुड़ना भी जारी है. कई इलाकों में आपसी सहमति से डिसइंगेजमेंट हुआ है.”
प्रत्येक स्थिति के लिए तैयार
इसके साथ ही सेना प्रमुख ने भारत की उत्तरी सीमा पर स्थिति को लेकर कहा, “किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक सुरक्षा कदम उठाए गए हैं.” उन्होंने कहा, “हमने पूर्वी लद्दाख समेत पूरे नॉर्दर्न फ्रंट में फोर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, हथियारों की क्षमता बढ़ाई है. नॉर्दर्न फ्रंट में पिछले डेढ़ साल में हमारी क्षमता कई तरह से बढ़ी है.”
नहीं टला है खतरा
चीन के साथ टकराव और बातचीत को लेकर जनरल नरवणे ने कहा, “कोर कमांडर स्तर की 14वीं वार्ता चल रही है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हम इसमें प्रगति देखेंगे. हालांकि आंशिक रूप से डिसइंगेजमेंट हुई है लेकिन खतरा कम नहीं हुआ है.” उन्होंने कहा, “पश्चिमी मोर्चे पर विभिन्न लॉन्च पैड में आतंकवादियों की संख्या में वृद्धि हुई है और बार-बार नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ के प्रयास किए गए हैं. यह एक बार फिर हमारे पश्चिमी पड़ोसी के नापाक मंसूबों को उजागर करता है.”
गौरतलब है कि चीन के साथ सैन्य कमांडर स्तर की वार्तालाप जारी है. हालांकि पिछले 13वें दौर की वार्तालाप में Hot Springs के मुद्दे पर बातचीत अटक गई थी. ये माना जा रहा है कि आज की बातचीत में एक बार फिर इस मुद्दे पर बातचीत हो सकती है.
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