Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के दौरान भले ही पूरे देश में मतदान होता है, लेकिन सबकी निगाहें कुछ ही चुनिंदा सीटों पर लगी रहती हैं. ऐसी ही सीटों में से एक उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट (Amethi Constituency) भी है, जिसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने यहां पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को हराकर सारे समीकरण ही बदल दिए थे. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लगातार इस सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस ने अब तक यहां से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. राहुल गांधी के केरल की वायनाड सीट से नामांकन भर देने के बाद फिर से यह चर्चा शुरू हो गई है कि इस बार वे अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या यहां से कांग्रेस किसी नए चेहरे को मौका देगी. अब गांधी परिवार से ही इस सीट का एक और दावेदार सामने आ गया है. दरअसल राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के पति रॉबर्ड वाड्रा ने इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. अब तक राजनीति से दूर रहे वाड्रा ने गुरुवार को कहा कि अमेठी की जनता मेरा राजनीतिक सफर अपने यहां से शुरू कराना चाहती है तो मैं यहीं से यह सफर शुरू करूंगा. वाड्रा के इस बयान ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है.
कांग्रेस का जबरदस्त दबदबा रहा है अमेठी में
भले ही अमेठी की जनता ने साल 2019 में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को हराने के लिए वोट किया हो, लेकिन यह सीट हमेशा ही कांग्रेस के जबरदस्त दबदबे वाली मानी जाती रही है. कांग्रेस यहां 1977 की उस लहर में भी जीती थी, जब आपात काल के खिलाफ खड़ी हुई जनता ने जनता पार्टी को सरकार बनाने का बहुमत दिया था. 1977 के बाद 2019 में हार तक यहां कांग्रेस ही जीतती रही है. राहुल गांधी यहां 2004 से 2014 तक लगातार तीन बार चुनाव जीते. इससे पहले उनके पिता राजीव गांधी भी यहां से चुनाव लड़कर संसद पहुंचते रहे थे. ऐसे में इस सीट को लेकर छोटी सी भी चर्चा बेहद खास हो जाती है.
क्या कहा है वाड्रा ने अमेठी को लेकर
गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ड वाड्रा ने ANI से बातचीत में कहा, अमेठी की जनता मानती है कि मौजूदा सांसद को चुनना बड़ी गलती थी. वे इससे परेशान हैं और चाहते हैं कि मैं वहां से लोकसभा चुनाव लड़ूं. यदि यहां की जनता मेरा राजनीतिक सफर यहीं से शुरू कराना चाहती है तो मैं यहीं से सफर शुरू करूंगा. अमेठी के लोग गांधी परिवार की वापसी चाहते हैं और आशा कर रहे हैं कि मैं अपना पहला राजनीतिक कदम यहीं से रखूं.
क्यों अनजानी नहीं है वाड्रा के लिए अमेठी
वाड्रा ने यह भी बताया कि कैसे अमेठी उनके लिए अनजानी नहीं है. वाड्रा ने कहा, प्रियंका गांधी के साथ मैंने अपना पहला राजनीतिक अभियान 1999 में अमेठी में ही किया था. अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर और जगदीशपुर में गांधी परिवार ने सालों तक मेहनत की है और वहां के लोगों की तरक्की की है.
Delhi | On UP's Amethi Lok Sabha constituency, Robert Vadra says, "...The people of Amethi expect me to represent their constituency if I decide to become a member of Parliament...For years, the Gandhi family worked hard in Rae Bareli, Amethi and Sultanpur...The people of Amethi… pic.twitter.com/2kdmgQtrvv
— ANI (@ANI) April 4, 2024
क्यों आ रहे हैं राजनीति में? इसका भी दिया जवाब
रॉबर्ड वाड्रा ने इस सवाल का भी जवाब दिया है कि वे राजनीति में क्यों आ रहे हैं? उन्होंने कहा, मैं गांधी-नेहरू परिवार का मेंबर हूं और इस परिवार का राजनीति से दूर रहना मुश्किल है. मैं हमेशा से अपनी पत्नी प्रियंका पहले संसद में देखना चाहता हूं. इसके बाद ही अपने नंबर की सोच रहा हूं. मेरी दूसरे दलों के नेताओं से भी दोस्ती है, जो कई बार अपनी पार्टी से चुनाव लड़ने का ऑफर दे चुके हैं.
कांग्रेस दे चुकी है प्रियंका को अमेठी से उतारने के संकेत
भले ही रॉबर्ड वाड्रा ने अमेठी से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है, लेकिन उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेता यहां राहुल नहीं तो उनकी बहन प्रियंका गांधी को स्मृति ईरानी के सामने उतारना चाहते हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कई बार इसका इशारा कर चुके हैं. हालांकि प्रियंका का नाम अपनी मां की पारंपरिक सीट रायबरेली से भी चुनाव लड़ने के लिए चल रहा है, जो इस बार सोनिया गांधी के राज्यसभा से संसद में चले जाने के कारण खाली है.
वाड्रा के ऊपर घोटालों का आरोप लगाती रही है भाजपा
रॉबर्ड वाड्रा के ऊपर जमीन आदि से जुड़े कई तरह के घोटालों के आरोप लगाकर भाजपा नेता कांग्रेस को घेरते रहे हैं. वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भी जांच चल रही है. ऐसे में उनके चुनावी राजनीति में उतरने पर कांग्रेस को भाजपा की तरफ से एक बार फिर तगड़े अटैक का सामना करना पड़ सकता है. कांग्रेस को यह भी देखना होगा कि वाड्रा को उत्तर प्रदेश से चुनावी रण में उतारने को लेकर उसकी गठबंधन सहयोगी समाजवादी पार्टी का रिएक्शन किस तरह का होगा. यूपी की 80 सीटों में से 17 पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है, जबकि बाकी सीटों पर समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवार खड़ा कर रही है.
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