Ajmer Sex Scandal Verdict: राजस्थान के चर्चित अजमेर सेक्स स्कैंडल में 31 साल बाद आखिरकार पीड़ित लड़कियों को न्याय मिल गया है. लड़कियों के साथ गैंगरेप करने के बाद उनकी न्यूड तस्वीरें क्लिक कर लोगों में बांटने वाले 6 आरोपियों को पॉक्सो कोर्ट-2 ने मंगलवार (20 अगस्त) को दोषी घोषित कर दिया है. अजमेर ब्लैकमेल कांड (Ajmer Blackmail Case) के नाम से भी चर्चित यह केस साल 1992 का था, जिसमें स्कूल-कॉलेज जाने वालीं 100 से ज्यादा लड़कियों से गैंगरेप कर उनकी न्यूड तस्वीरें क्लिक की गईं थीं. इस मामले में कुल 18 आरोपी बनाए गए थे, जिनमें से 9 को पहले ही सजा हो चुकी है, जबकि 6 को आज दोषी घोषित किया गया है. इन सभी 6 आरोपियों नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, सोहिल गनी, सैयद जमीर हुसैन और इकबाल भाटी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है, जबकि उनके ऊपर 5-5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है.
BREAKING : In Ajmer's largest blackmail & r@pe case, 6 accused - Nafees Chishti, Salim, Sohail , Zameer, Iqbal and Naseem alias Tarzan, were found guilty by the Special POCSO Act Court. They blackmailed & r@ped over 100 girls with obscene photos from 1992.
— Frontalforce 🇮🇳 (@FrontalForce) August 20, 2024
...after 32 years !!! pic.twitter.com/gLmCTIjXKi
यूथ कांग्रेस का तत्कालीन जिलाध्यक्ष था मास्टरमाइंड
अजमेर शहर ही नहीं समूचा राजस्थान साल 1992 में तब हिल गया था, जब 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ यौन शोषण और गैंगरेप के बाद नग्न तस्वीरों के जरिये ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आया था. एक स्थानीय न्यूजपेपर में यह रिपोर्ट छपने के बाद हड़कंप मच गया, जिसके बाद जांच कराई गई. राजस्थान पुलिस की जांच में अजमेर यूथ कांग्रेस का तत्कालीन अध्यक्ष फारुक चिश्ती समेत 18 लोगों को आरोपी बनाया गया था. फारुक को ही इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया गया था.
एक आरोपी ने कर ली थी सुसाइड, एक आज तक फरार
इस मामले में पुलिस ने जिन 18 आरोपियों का नाम चार्जशीट में शामिल किया था, उनमें से 9 को सजा मिल चुकी है, जबकि 1 आरोपी ने मुकदमा चलने के दौरान ही आत्महत्या कर ली थी. एक आरोपी आज तक फरार है, जिसे भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. बाकी 6 आरोपियों को पॉक्सो कोर्ट ने आज सजा सुनाई है. एक आरोपी पर लड़के से कुकर्म का मुकदमा अलग से चल रहा है. इस लड़के के साथ कुकर्म से ही सारा खेल शुरू हुआ था, जिसने 100 से ज्यादा लड़कियों की जिंदगी बरबाद कर दी थी.
एक लड़की के जरिये दूसरी, फिर उसके जरिये तीसरी...
यह गैंगरेप केस कोई आम मामला नहीं था बल्कि कानून को ताक पर रखकर बेखौफ अय्याशी का नग्न नमूना माना जाता है. दरअसल तत्कालीन अजमेर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष फारुक चिश्ती उसके साथियों नफीस चिश्ती व अनवर चिश्ती ने अन्य दोस्तों के साथ मिलकर इस पूरे खेल को रचा था. इस खेल में एक लड़की के साथ गैंगरेप कर उसकी नग्न तस्वीरें तैयार की जातीं, फिर उसे दूसरी लड़की लाने के लिए मजबूर किया जाता. दूसरी लड़की को तीसरी, तीसरी को चौथी. इसी तरह यह कड़ी बढ़ते-बढ़त 100 से ज्यादा लड़कियों को इस अय्याश गैंग के जाल में फंसा गई. इन सब लड़कियों के साथ जब चाहे, तब अय्याशी की जाती थी. साथ ही उन्हें अपने घर से पैसा भी लाने के लिए मजबूर किया जाता था.
कुकर्म से शुरू करके फैलाया जाल
पुलिस ने अदालत में बताया कि इन सभी ने सबसे पहले एक कारोबारी के बेटे को दोस्ती के जाल में फंसाकर उसके साथ कुकर्म किया गया. उस कुकर्म की नग्न तस्वीरें क्लिक की गईं. इन तस्वीरों को सार्वजनिक करने के नाम पर उसे अपने गर्लफ्रेंड को पोल्ट्री फार्म में लाने के लिए मजबूर किया गया. गर्लफ्रेंड के साथ सभी ने मिलकर गैंगरेप किया. इसके बाद उसकी नग्न तस्वीरें क्लिक की गईं. इन तस्वीरों को सार्वजनिक करने के नाम पर उसे अपनी सहेलियों को लाने के लिए मजबूर किया गया. इसी तरह सभी लड़कियों की तस्वीरें तैयार कर ली गईं.
तस्वीरें शेयर कर दूसरों को भी देने लगे न्योता
ब्लैकमेलिंग का यह इतना बड़ा स्कैंडल तब सामने आया, जब इन नग्न तस्वीरों के दम पर यह अय्याश गिरोह पैसा भी कमाने लगा. ये नग्न तस्वीरें आपस में शेयर कर लड़कियों के साथ सेक्स करने का न्योता दिया जाने लगा. इसी दौरान एक स्थानीय मीडियाकर्मी को इस खेल की भनक लग गई और उसने पूरी रिपोर्ट छाप दी. रिपोर्ट छपते ही हड़कंप मच गया और पुलिस को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी, जिसके बाद पूरा मामला खुलता चला गया.
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100 छात्राओं से गैंगरेप में 31 साल बाद 6 आरोपियों को उम्रकैद, जानें क्या था पूरा मामला