जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच व्याप्त तनाव और गहराता जा रहा है. हालात कैसे हैं? इसका अंदाजा उस डर से लगाया जा सकता है जो मौजूदा वक़्त में हमें पाकिस्तानी हुक्मरानों और वहां की सेना की आंखों में दिख रहा है. सवाल होगा कि आखिर पाकिस्तान की हालत क्यों भीगी बिल्ली सरीखी है तो जवाब है वो बैठक जो भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी के साथ प्रधानमंत्री आवास पर की है और जिसमें उन्होंने सेना को फ्री हैंड दिया है.
बैठक में पीएम ने पिछले सप्ताह पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों को भारत की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता दी है. बैठक में प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि आतंकवाद को करारा झटका देना भारत का राष्ट्रीय संकल्प है.
बताते चलें कि पहलगाम हमले के तुरंत बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाने की घोषणा की थी, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह इस हमले के पीछे है. इसमें पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और सिंधु जल संधि को स्थगित करना शामिल है. रक्षा मंत्री, सीडीएस, एनएसए और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ श्री मोदी की बैठक से संकेत मिलता है कि कुछ सैन्य कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है.
चूंकि भारत पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए चौतरफा रणनीति पर काम कर रहा है. पड़ोसी मुल्क की हालत पतली है. वहां लगातार यह चिंता बनी हुई है कि भारत किसी भी क्षण हमला कर देगा. दहशत का आलम क्या है इसका अंदाजा पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार के उस दावे से लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत अगले 24 से 36 घंटे के अंदर पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है.
उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान को इसकी पुख्ता जानकारी मिली है.वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का कहना है कि वे भारत की ओर से होने वाले हमले के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हम अपनी सेना को मजबूत कर रहे हैं क्योंकि भारत की ओर से हमला अब कभी भी हो सकता है.
इस बीच, रक्षा सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में खुफिया जानकारी के आधार पर लक्षित आतंकवाद रोधी अभियान जारी रहे, जबकि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लगातार पांचवीं रात भी संघर्ष विराम उल्लंघन (सीएफवी) जारी रहा.
सेना ने कहा, '28-29 अप्रैल की रात को, पाकिस्तानी सेना ने कुपवाड़ा और बारामुल्ला जिलों के साथ-साथ अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पार बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की.' 'भारतीय सेना ने उकसावे का नपा-तुला और प्रभावी तरीके से जवाब दिया.'
जिक्र पाकिस्तान और भारत के चलते वहां व्याप्त डर का हुआ है तो बता दें कि भले ही पाकिस्तान ने सीमा पर चौकसी बढ़ा दी हो लेकिन उसकी हालत काटो तो खून नहीं सरीखी है.
बहरहाल पाकिस्तान जानता है कि अगर हमला हुआ तो वहां संभालने या बचाने को कुछ रहेगा नहीं. और कहीं न कहीं इस हमले की कीमत तंगहाली में जीवन यापन करने वाली पाकिस्तानी आवाम को ही चुकानी होगी.
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Pahalgam Attack : पाकिस्तान का डर, मोदी का ऐलान, क्या है भारतीय सेना का प्लान?