अभिनेता, कॉमेडियन गुरप्रीत गुग्गी राजनीति की अच्छी समझ रखते हैं, राजनीति से उनका जुड़ाव भी खूब रहा है. उनका कहना है कि मैं राजनीति को टच करने आया था और अपने राज्य के लिए कुछ करना चाहता था. चूंकि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान गुरप्रीत गुग्गी के अच्छे दोस्त हैं और राजनीति में अच्छी समझ के कारण उन्हें आप पार्टी ने राज्य का कार्य भार दे दिया और पार्टी अध्यक्ष तक बना दिया गया.
शनिवार, 7वें चरण का पंजाब में मतदान चल रहा है जम कर वोटिंग हुई है. पंजाब में चुनाव को लेकर अभिनेता गुरप्रीत गुग्गी का कहना है कि, 'पंजाब में बहुत से फेरबदल देखने को मिलेंगे और अनएक्सपेक्टेड रिजल्ट भी आएंगे.'
गुग्गी कहते हैं, 'पंजाब हमेशा हवा के उलट चला है. जो कहीं नहीं होता है वो पंजाब में होता है.'
वह आगे कहते हैं, 'आम आदमी पार्टी की जब किसी जगह कोई हवा नहीं थी तो पंजाब से चार सीटें आईं थीं. फिर अगली बार घट कर एक रह गई और जब कुछ नहीं बचा तो सरकार बन गई. पंजाब हमेशा से अनप्रेडिक्टेबल रहा है. पंजाब हमेशा अलग चलता है. उन्हें लगता है कि इस बार आजाद पार्टी भी आएगी..पार्लियामेंट में आजाद का आना बहुत जरूरी है. लोग हैरान भी होंगे. कुछ अनएक्सपेक्टेड रिजल्ट आने वाले हैं इस बार.'
'राज्य को बदलना चाहते थे'
हालांकि, गुरप्रीत गुग्गी जब पंजाब आप पार्टी के अध्यक्ष थे उसी समय आप पार्टी पंजाब में बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. गुग्गी पंजाब के लिए अपने राज्य के लिए कुछ अच्छा करना चाहते थे.
गुग्गी कहते हैं कि, 'उन्हें बहुत जल्दी पता चल गया कि राजनीति उनके लिए नहीं है. पॉलिटिक्स इज नॉट माई कप ऑफ टी फॉर मी.'
वह कहते हैं कि पॉलिटिक्स में बहुत सी चीजें अच्छी होती हैं तो बहुत सी चीजें खराब भी होती हैं. इसलिए उन्होंने राजनीति को बहुत जल्दी टाटा, बाय-बाय कह दिया.
राजनीति खराब नहीं, इसके लिए काम करने की जरूरत
यह पूछे जाने पर कि आप तो देश की सबसे ईमानदार पार्टी से जुड़े थे तो वो कहते हैं कि किसी एक पार्टी की बात नहीं है बल्कि पूरी की पूरी पॉलिटिक्स में ही काम किए जाने की जरूरत है. क्या वो आने वाले समय में किसी पार्टी से जुड़ कर फिर से राजनीति में आने के बारे में सोच रहे हैं? इस सवाल के जवाब में गुग्गी कहते हैं, "मैं किसी पार्टी का नाम नहीं लेना चाहता और न ही किसी को ब्लेम करना चाहता हूं लेकिन उन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें काफी कुछ करने और सीखने की जरूरत है."
गुग्गी कहते हैं कि राजनीति खराब नहीं है बल्कि राजनीति में कुछ चीजें हैं जो खराब है जिसे बदले जाने की जरूरत है. गुग्गी यह भी मानते हैं कि राजनीति से ही लोगों की ही नहीं बल्कि देश और दुनिया के साथ-साथ राज्य की स्थिति में सुधार किया जा सकता है.
वैसे देश दुनिया की बात करें तो कॉमेडियन बड़े राजनीतिज्ञ रहे हैं और उन्होंने समाज के लिए बड़ा काम किया है. चाहें वो यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की हों या फिर खुद पंजाब के सीएम भगवंत मान. ऐसे में गुग्गी का मानना है कि उन्होंने राजनीति छोड़ने में जल्दी नहीं की है बल्कि उन्होंने राजनीति की दुनिया से ब्रेक लिया है और दुनिया को और समझना चाहते हैं.
गुग्गी कहते हैं, 'राजनीति के दरवाजे कभी किसी के लिए बंद नहीं होते हैं ये हमेशा सभी के लिए खुले रहते हैं. राजनीति में एंट्री बहुत आसान है निकलना बहुत मुश्किल है. लेकिन मैंने आसानी से इसमें एंट्री की और आसानी से ही बाहर भी आ गया.'
हालांकि उन्होंने राजनीति को पूरी तरह से टाटा बाय बाय नहीं किया है यह जरूर कहा है कि वो कभी भी अच्छा मौका आएगा और अच्छा प्लैटफॉर्म मिलेगा तो वो इसमें एंट्री जरूर करेंगे.
पॉलिटिक्स में कभी भी हो सकती है एंट्री
यह पूछे जाने पर कि कलाकार और कॉमेडियन जो होता है वो समाज को दुनिया को इतने अच्छे से जी चुका होता है कि वो बाहरी दुनिया को अच्छे से समझता है और वो जिम्मेदारी से करे तो बहुत अच्छा पॉलिटिशियन हो सकता है.
राजनीति में फिर से एंट्री के नाम पर गुग्गी कहते हैं कि वो अभी राजनीति में नहीं आना चाहते हैं बल्कि अभी फिल्म करना चाहते हैं और एतिहासिक फिल्में करना चाहते हैं क्योंकि उनका मानना है कि पॉलिटिक्स के लिए हमेशा समय है और एंट्री मिल जाएगी.
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DNA Exclusive :'पॉलिटिक्स इज नॉट माई कप ऑफ टी.' लोकसभा चुनाव पर बोले गुरप्रीत गुग्गी