डीएनए हिंदी: Mi-17V5 दुनिया के सबसे एडवांस हेलिकॉप्टरों में से एक माने जाते हैं. आधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस इन हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल सेना हर जगह कर सकती है. जंगलों की आग बुझाने से लेकर जंग के मैदान तक, घायल सैनिकों को जंग के मैदान से निकालना हो या फिर दुश्मन के इलाके में जासूसी करना हो ये हेलिकॉप्टर हर जगह कामयाब माने जाते हैं.

साल 2011 से शुरु हुई थी हेलिकॉप्टर्स की डिलीवरी 

साल 2008 में भारत का रुस के साथ करार होने के बाद साल 2011 से भारतीय सेना को इन हेलिकॉप्टर्स की डिलीवरी शुरु हो गई थी. 2013 में भारत को 36 हेलिकॉप्टर्स की डिलीवरी दी गई और जुलाई 2018 में रुस ने करार किए गए सभी 80 हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी भारत को कर दी थी.

विंग कमांडर को था पांच हजार घंटे की उड़ान का अनुभव

वहीं इस हादसे में मारे गए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान को करीब पांच हजार घंटे की उड़ान का अनुभव था. आमतौर पर इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) के पायलट हर साल करीब 200-300 घंटे उड़ान भरते हैं. इन पायलटों में सबसे ज्यादा उड़ान हेलिकॉप्टर के पायलट भरते हैं क्योंकि लड़ाकू विमानों के मुकाबले हेलिकॉप्टर को उड़ान के बाद सर्विसिंग के लिए कम वक्त चाहिए होता है.

हाल में की गई थी हेलिकॉप्टर की सर्विसिंग

दूसरी तरफ जिस हेलिकॉप्टर क्रैश में जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Raeat) मारे गए हैं, उसे साल 2013 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. हाल में ही इस हेलिकॉप्टर की सर्विसिंग की गई थी और इस सर्विसिंग के बाद हेलिकॉप्टर ने महज 26 घंटे की उड़ान भरी थी जो आमतौर पर बेहद कम मानी जाती है.

जानकारी के अनुसार, पिछले 11 साल के दौरान 8 Mi-17V5 हेलिकॉप्टर हादसों का शिकार हो चुके हैं जिसमें 55 जवान और आम लोगों ने अपनी जान गवाई. 

एक नजर आंकड़ों पर- 

  • 18 नवंबर 2021 पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में हादसा, कोई मौत नहीं
  • 27 फरवरी 2019 कश्मीर के बडगाम में अपने ही सेना के हमले का शिकार हुआ हेलिकॉप्टर, 7 की मौत
  • 3 अप्रैल 2018 उत्तराखंड के केदारनाथ में हवाई हादसा, 1 की मौत
  • 6 अक्टूबर 2017 अरुणाचल प्रदेश में हादसे का शिकार हुआ Mi-17V5 हेलिकॉप्टर, 7 की मौत
  • 25 जून 2013 केदारनाथ में क्रैश हुआ हेलिकॉप्टर, 20 की मौत
  • 30 जून 2012 गुजरात में आसमान में आपस में टकराए दो Mi-17V5 हेलिकॉप्टर, 9 की मौत
  • 19 नवंबर 2010 अरुणाचल में हवाई हादसा, 12 की मौत

बता दें कि इनमें कुछ हादसों की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक भी किया गया है. Mi-17V5 के ज्यादातर हादसे पहाड़ी इलाको में ही हुए हैं. अगर साल 2012 के गुजरात हादसे को छोड़ दिया जाए तो पिछले 10 साल में सभी हादसे पहाड़ी इलाकों में हुए हैं. 

इन हादसों की सबसे बड़ी वजह खराब मौसम ही निकलकर सामने आया है. हालांकि 8 दिसंबर को हुए हादसे में भी अचानक जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर घने कोहरे में गायब हो गया था. कुछ ऐसा ही मौसम साल 2013 में केदारनाथ में भी था जब Mi-17V5 हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था और उसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी.
 

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8 Mi 17V5 helicopters were victims of accidents in the last 11 years yet they are said to be most advanced
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बीते 11 सालों में आठ Mi-17V5 हेलिकॉप्टर हुए हादसों का शिकार
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बीते 11 सालों में 8 Mi-17V5 हेलिकॉप्टर हुए हादसों का शिकार
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