डीएनए हिंदी : अनुच्छेद- 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय दलों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है. आए दिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनकी आलोचनात्मक हरकतों के लिए नजरबंद कर दिया जाता है. इसी बीच अब खबरें हैं कि प्रदेश के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा घटाई जा सकती है. इन सभी की सुरक्षा से SSG की तैनाती की वापस ली जा सकती है.
सुरक्षा समिति ने की है समीक्षा
दरअसल, सुरक्षा अधिकारियों ने चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा की समीक्षा की है. अधिकारियों के मुताबिक यह फैसला सुरक्षा समीक्षा समन्वय समिति की ओर से ही लिया गया है. सुरक्षा समिति की बात करें तो यह वह ग्रुप है जो जम्मू-कश्मीर में महत्वपूर्ण नेताओं की सुरक्षा की देखरेख करता है. पहले इन वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा डीआईजी, एसएसपी रैंक के अधिकारी देखता थे लेकिन अब इनकी सुरक्षा डीएसपी रैंक का अधिकारी देखेंगे.
SSG को लेकर होगा पुनर्विचार
वहीं SSG को लेकर अधिकारियों का मानना है कि एसएसजी के आकार को कम करने पर फिर से विचार किया जा रहा है क्योंकि पुलिस बल का कहना है कि इससे एलीट यूनिट की तैयारियों में बाधा आ सकती है. SSG को अब नई जिम्मेदारी दी जाएगी. नई जिम्मेदारियों में उनको मौजूदा मुख्यमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का ध्यान रखना होगा.
कायम रहेगी इन नेताओं की सुरक्षा
खास बात ये है कि नेशनल कॉन्फ्रैंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) ही करेंगे. इन्हें ब्लैक कैट कमांडो भी कहा जाता है. इसकी वजह ये है कि इन दोनों ही नेताओं को केन्द्र सरकार की तरफ से जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. इसलिए उनकी सुरक्षा एनएसजी के जवानों के जिम्मे ही होगी.
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