1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायकों में से एक राजा वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव के उपलक्ष्य में शनिवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने शिरकत की. कार्यक्रम का आयोजन देश की स्वतंत्रता के 75 साल होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत किया गया। कार्यक्रम में 77,700 लोगों ने एक साथ भारत का राष्ट्रीय ध्वज लहराकर 2004 में पाकिस्तान के 56,000 लोगों द्वारा लाहौर में पाकिस्तानी झंडा लहराकर बनाए गए विश्व रिकॉर्ड को तोड़ दिया.
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गृह मंत्री ने कहा कि इतिहास ने बाबू वीर कुंवर सिंह के साथ अन्याय किया और उनकी वीरता, योग्यता एवं बलिदान के अनुरूप उन्हें स्थान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि इतिहासकारों ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को हमेशा एक विफल विद्रोह कहकर बदनाम करने का प्रयास किया लेकिन वीर सावरकर ने इसे आजादी का पहला स्वतंत्रता संग्राम कहकर इसे उचित महत्व दिया.
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गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्पना की है कि भारत जब 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा तो पूरी दुनिया में भारत हर क्षेत्र में शीर्ष पर होना चाहिए तथा बाबू वीर कुंवर सिंह को यही सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है. अमित शाह ने कहा कि एक व्यक्ति (वीर कुंवर सिंह) कैसा था कि शहीद होने के 163 साल बाद भी लाखों लोग इस चिलचिलाती धूप में उन्हें श्रद्धांजलि देने आए हैं. उन्होंने वीर कुंवर सिंह जैसे लोगों के योगदान को उजागर करने में विनायक दामोदर सावरकर की भूमिका को भी याद किया और कहा कि सावरकर ने 1857 के विद्रोह को 'भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम' कहा था तथा इसी नाम से एक पुस्तक भी लिखी थी.
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कार्यक्रम में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के साथ पूरे पांच मिनट तक तिरंगा लहराया गया. उपस्थित लोगों को पहचान के लिए बैंड पहनाया गया और निगरानी के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के क्रम में ‘कैमरा ट्रैप’ लगाया गया. कार्यक्रम स्थल तब लोगों की तालियों से गूंज उठा जब विशाल स्क्रीन पर झंडा लहराने वालों की संख्या 77,700 दिखी. पिछला विश्व रिकॉर्ड 56,000 पाकिस्तानियों द्वारा बनाया गया था जिन्होंने 2004 में लाहौर में एक समारोह में अपना राष्ट्रीय ध्वज लहराया था.
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इतिहासकारों के मुताबिक, वीर कुंवर सिंह ने 23 अप्रैल 1858 को जगदीशपुर में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना को हराया था. उनके सैनिकों ने ब्रिटिश सैनिकों को भगाकर वहां के किले से ‘यूनियन जैक’ उतार फेंका था। इसे उनका ‘विजयोत्सव’ कहा जाता है. हालांकि बुरी तरह घायल होने के कारण इस जीत के तीन दिन बाद ही वीर कुंवर सिंह का निधन हो गया था.
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कार्यक्रम में अमित शाह ने बिहार को "जंगल राज" से मुक्त करने में भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ निभाई गई भूमिका को भी याद किया. राजद नेता तेजस्वी यादव पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा, "केवल लालू प्रसाद के पोस्टर के बिना घूमने से जंगल राज की यादें नहीं मिट सकतीं".