Weather Alert: देश में ठंड और शीतलहर ( Cold Wave) का असर बढ़ता जा रहा है. दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सहित भारत के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग ने कहा है कि इन राज्यों में भयंकर शीतलहर का असर देखने को मिल सकता है. इन सभी राज्यों में बीते कई दिनों से तापमान में भारी गिरावट देखने को मिल रही है.
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उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगले 24 घंटों के दौरान ठंड का कहर बढ़ सकता है. उत्तर-पश्चिम भारत में अगले 2-3 दिन तक धुंध छाई रहने की भी संभावना जताई गई है. नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण 8-9 फरवरी को पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में बारिश होने की भी संभावना है. 8-9 फरवरी को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में बारिश हो सकती है.
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मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभों (Western Disturbances) की वजह से 22 से 25 दिसंबर के बीच पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है.
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अगले दो या तीन दिनों में ओडिशा के कुछ हिस्सों में गंभीर शीत लहर की स्थिति पैदा हो सकती है. कई राज्य में ठंड की स्थिति और बढ़ सकती है. कोहरा और शीतलहर का प्रकोप देखने को मिल सकता है. भुवनेश्वर में बीते 10 वर्षों में तीसरी बार तापमान में इतनी बड़ी गिरावट आई है. दिसंबर का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 5.2 डिग्री कम था.
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अगले 24 घंटों के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में भी शीत लहर का असर रहेगा. कोहरा भी देखने को मिल सकता है. मौसम विभाग के बुलेटिन के मुताबिक दो पश्चिमी विक्षोभों की वजह से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 22 से 25 दिसंबर तक हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना है. 4 दिसंबर को पंजाब में भी बारिश की संभावना है.
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मौसम विभाग ने 23-26 दिसंबर के दौरान पंजाब और हरियाणा में सुबह के वक्त घने कोहरे की आशंका जताई है. वहीं 24-26 दिसंबर के दौरान पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग इलाकों में सुबह के वक्त घने कोहरे की भविष्यवाणी की है.
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) तब शीतलहर का ऐलान करता है जब न्यूनतम तापमान मैदानी इलाकों में कम से कम 4 डिग्री सेल्सियस या सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री कम हो जाए. गंभीर शीत लहर की स्थिति तब पैदा होती है जब न्यूनतम तापमान कम से कम 2 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है या सामान्य गिरावट 6.5 डिग्री सेल्सियस के बराबर या उससे अधिक होता है. तटीय जगहों पर जब न्यूनतम तापमान में 15 डिग्री या उससे कम हो, या गिरावट 4.5 डिग्री से कम या उसके बराबर हो.