Princess Niloufer: दुनिया में ऐसी बहुत सी शख़्सियत हुईं, जिन्हें उतनी तवज्जो नहीं मिली, जिसकी वो हकदार थीं, इन्हीं में से एक थीं राजकुमारी नीलोफर.'हैदराबाद का कोहिनूर' कही जाने वाली राजकुमारी नीलोफर के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं, लेकिन जानकार बताते हैं कि वो बला की खूबसूरत थीं. उनका विवाह हैदराबाद के निजाम मोअज्जाम जाह के साथ हुआ था. राजकुमारी की आभा सिर्फ भारत तक महदूद नहीं थी, बल्कि उनकी खूबसूरती के चर्चे देश की सीमा से बाहर भी खूब थे. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि वॉग' मैंग्जीन ने उन्हें दुनिया की दस सबसे हसीन महिलाओं में से एक बताया था.
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राजकुमारी नीलोफर का जन्म 04 जनवरी 1916 को तुर्की के इस्तांबुल में हुआ था. बताया जाता है, कि साल 1918 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान तुर्की को हार झेलनी पड़ी. जिसमें उनके पिता को अपनी जान गंवानी पड़ी. जिसके बाद साल 1924 में उन्हें पेरिस में शरण ली.
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साल 1931 में महज 16 साल की आयु में राजकुमारी नीलोफर का निकाह हैदराबाद के आखिरी निजाम के दूसरे बेटे मोअज्जाम जाह से हुआ और वो हैदराबाद आ गईं. बता दें, कि उन दिनों निजाम की गिनती दुनिया के सबसे धनी लोगों में होती थी.
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उन दिनों जहां निजाम के परिवार की औरतें पर्दा किया करती थीं, तो वहीं नीलोफर को ये बात कभी रास नहीं आई. निकाह के कुछ वक्त बाद ही उन्होंने फैशन की दुनिया में कदम रखा, और फैशन आइकन बन गईं. धीरे-धीरे इंटरनेशनल मीडिया भी उनकी खूबसूरती का मुरीद होने लगा, और उन्हें दुनियाभर में जाना जाने लगा.
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जानकार बताते हैं, कि साल 1948 में हैदराबाद के भारत विलय से थोड़े वक्त पहले ही वो पेरिस चली गईं, और फिर हैदराबाद नहीं लौटीं. यह भी कहा जाता है, कि राजकुमारी नीलोफर और मोअज्जाम जाह की शादी सफल नहीं रही. इसके बाद, 1952 में उन्होंने निजाम से तलाक लिया. इस तलाक के बाद उन्हें मेहर के तौर पर बड़ी रकम दी गई. जिसका बड़ा हिस्सा उन्होंने हैदराबाद की औरतों और बच्चों के लिए एक अस्पताल बनाने के लिए दे दिया.
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राजकुमारी नीलोफर के द्वारा बनवाया गया यह अस्पताल आज भी हैदराबाद के बेहतरीन मैटरनिटी हॉस्पिटल्स में गिना जाता है. लगभग 11 साल तक तनहा रहने के बाद, नीलोफर ने 1964 में एडवर्ड पोप नाम के शख्स से दोबारा शादी की और 1989 में नीलोफर की मौत हो गई, जिसके बाद उन्हें पेरिस में ही दफनाया गया.