डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का आज सुबह निधन हो गया है. उन्होंने मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली थी. मुलायम को जमीन से जुड़ा नेता माना जाता था वे. मुलायम का राजनीतिक व्यक्तित्व विशाल था. इसी का नतीजा था कि उन्होंने अखिलेश यादव को राजनीतिक विरासत दी है जिसे अब अखिलेश आगे बढ़ा रहे हैं.
Slide Photos
Image
Caption
मेदांता में भर्ती मुलायम सिंह यादव का इलाज कर रहे डा. यतिन मेहता के अनुसार, उनकी हालत 9 अक्टूबर से लगातार गंभीर ही बनी हुई थी. वह 2 अक्टूबर से ही लाइफ सपोर्ट सिस्टम यानी वेंटिलेटर पर थे. उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत आ रही थी. इसके साथ-साथ उनकी किडनी भी सामान्य तौर पर काम नहीं कर रही थी। इन्हीं सब वजहों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
Image
Caption
उनका इलाज कर रहे डाक्टरों का कहना था कि मुलायम सिंह की हालत 2 अक्टूबर से लगातार गंभीर बनी हुई थी. सांस लेने में दिक्कत जारी थी, इसके साथ ही उन पर दवाई का भी असर नहीं हो रहा था. किडनी की समस्या भी बढ़ गई थी.
Image
Caption
मुलायम सिंह केंद्र की गठबंधन वाली सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने 1996 से 1998 तक देश के रक्षामंत्री का कार्यभार संभाला था.
Image
Caption
आपको बता दें कि राजनीति से पहले मुलायम कुश्ती लड़ते थे. वे एग्जाम छोड़कर कुश्ती लड़ने चले जाते थे. साल 1960 में जब मुलायम कॉलेज में पढ़ते थे, तब कवि सम्मेलन के मंच पर दरोगा को एक युवा ने चित कर दिया.
Image
Caption
मुलायम कुछ दिन तक मैनपुरी के करहल में जैन इंटर कॉलेज में प्राध्यापक भी रहे. पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह की दो शादियां हुईं. पहली पत्नी मालती देवी का निधन मई 2003 में हो गया था. अखिलेश यादव मुलायम की पहली पत्नी के ही बेटे हैं और उनकी पत्नी साधना गुप्ता का निधन हाल ही में हुआ था.
Image
Caption
मुलायम सिंह ने 55 साल तक राजनीति की. मुलायम सिंह 1967 में 28 साल की उम्र में जसवंतनगर से पहली बार विधायक बने जबकि उनके परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था. 5 दिसंबर 1989 को मुलायम पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
Image
Caption
वे तीन बार उत्तर प्रदेश के CM रहे. उन्होंने केंद्र में देवगौड़ा और गुजराल सरकार में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली. नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह सात बार लोकसभा सांसद और नौ बार विधायक चुने गए.
Image
Caption
मुलायम सिंह यादव ने 4 अक्टूबर 1992 को लखनऊ में समाजवादी पार्टी बनाने का ऐलान किया था. मुलायम सपा के अध्यक्ष, जनेश्वर मिश्र उपाध्यक्ष, कपिल देव सिंह और मोहम्मद आजम खान पार्टी के महामंत्री बने. मोहन सिंह को प्रवक्ता नियुक्त किया गया.
Image
Caption
समाजवादी पार्टी बनने के बाद 4 और 5 नवंबर को बेगम हजरत महल पार्क में उन्होंने पार्टी का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया. इसके बाद नेताजी की पार्टी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में स्थायी मुकाम बना लिया.
Image
Caption
मुलायम सिंह अपनी निजी जिंदगी और साधना गुप्ता से अपने रिश्ते को लेकर भी विवादों में रहे. इस वजह से उनके और अखिलेश यादव के बीच दूरियां भी बढ़ीं. फरवरी 2007 में सुप्रीम कोर्ट में मुलायम ने साधना गुप्ता से अपने रिश्ते कबूल किए तो लोगों को उनकी दूसरी पत्नी के बारे में पता चला.साधना गुप्ता से मुलायम के बेटे प्रतीक यादव हैं.