जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने आज भारत के लिए कई सौगातों का ऐलान किया है. साथ ही, दोनों देशों के बीच 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए है. जापान ने 5 सालों में भारत में 3.2 लाख करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य की घोषणा की है. इसके अलावा पीएम मोदी और जापान के प्रधानमंत्री की ओर से जारी जॉइंट प्रेस स्टेटमेंट में दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने पर भी सहमति बनी है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान के अपने समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ हुई बैठक के बाद भारत और जापान के बीच 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के बीच वार्ता के बाद जापान ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बड़ी विकास योजनाओं का ऐलान किया है. दोनों शीर्ष नेताओं के बीच वार्ता के बाद स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी की घोषणा की गई है.
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जापान ने 2014 में की गई निवेश प्रोत्साहन साझेदारी के तहत भारत में 3,20,000 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य की घोषणा की है. जापान के प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 5 सालों में यह निवेश सिलसिलेवार तरीके से किया जाएगा. बता दें कि जापान और भारत के बीच पहले से ही रेलवे परियोजना में निवेश की व्यापक साझेदारी चल रही है. पीएम मोदी ने भी रेलवे के आधुनिकीकरण और डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर और मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल जैसी फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स में जापान के योगदान को सराहते हुए कहा कि भारत और जापान विकास में साझेदार हैं.
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भारत और जापान के बीच यह 14वां वार्षिक शिखर सम्मेलन है. इस बार यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के दौरान यह सम्मेलन सफलतापूर्वक हो रहा है. इसके अलावा, अक्टूबर 2018 में टोक्यो में हुई बैठक के बाद यह बैठक हो रही है. 2019 में गुवाहाटी में होने वाला शिखर सम्मेलन CAA प्रोटेस्ट की वजह से स्थगित करना पड़ा था. पिछले 2 साल कोविड महामारी की वजह से बैठक नहीं हो सकी थी.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर जापान की ओर से मिलने वाले सहयोग की खूब तारीफ भी की है. पीएम ने कहा कि आज भारत 'मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' के लिए असीम संभावनाएं प्रस्तुत करता है. इस संदर्भ में जापान की कंपनिया लंबे समय से एक तरह से हमारी ब्रांड एंबेसडर रही हैं. पीएम मोदी ने क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप की तारीफ करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के संबंधों में एक निर्णायक अध्याय होगा.
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जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के संबंध बहुत पुराने और गहरे हैं और इनका सिरा महज आर्थिक नहीं बल्कि ऐतिहासिक और सामरिक भी है. इस मौके पर उन्होंने रूस के यूक्रेन पर हमले पर भी चिंता जताते हुए कहा कि हमने इस मुद्दे पर भी बात की है. यूक्रेन पर रूस के हमले ने अंतर्राष्ट्रीय मानकों और व्यवहार के आदर्शों को पूरी तरह से हिला दिया है. यह एक बेहद गंभीर मसला है.