भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर एक बार फिर तनाव भड़क उठा जब 8 और 9 मई की रात पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइलों के जरिए हमला किया गया. यह हमला जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) और पश्चिमी सीमाओं पर किया गया था. हालांकि, भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क थी और इस हमले को आकाश और S-400 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया. खास बात यह रही कि भारत की अपनी विकसित की गई आकाश मिसाइल प्रणाली ने दुश्मन के कई ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया.
Slide Photos
Image
Caption
आकाश एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है जिसे पूरी तरह भारत में विकसित किया गया है. इसका पहला वर्जन 25 से 45 किमी की दूरी और 18 किमी की ऊंचाई तक टारगेट कर सकता है. वहीं इसका अपग्रेडेड वर्जन आकाश-NG 70 से 80 किमी तक के टारगेट्स को भी तबाह कर सकता है. इसकी स्पीड 3500 किमी/घंटा है, जो इसे दुश्मन के खिलाफ बेहद घातक बनाती है.
Image
Caption
इस मिसाइल सिस्टम में आधुनिक रडार लगे हैं जो 150 किमी दूर तक 64 टारगेट्स को ट्रैक कर सकते हैं और एक साथ 12 मिसाइलों को गाइड कर सकते हैं. इसकी स्मार्ट गाइडेंस टेक्नोलॉजी आखिरी सेकंड तक टारगेट को लॉक करने की क्षमता रखती है. यही वजह है कि पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल इससे बच नहीं पाए.
Image
Caption
आकाश सिस्टम को किसी भी स्थान पर तैनात किया जा सकता है. इसे ट्रक, टैंक या दूसरे वाहनों पर रखकर LoC, राजस्थान या पंजाब बॉर्डर तक ले जाया जा सकता है. इसका 82% हिस्सा भारत में ही बनता है, जिससे यह 'मेक इन इंडिया' पहल का एक मजबूत उदाहरण बन गया है.
Image
Caption
आकाश मिसाइल सिस्टम JF-17 जैसे पाकिस्तानी फाइटर जेट्स, तुर्की के TB2 और चीन के CH-4 जैसे ड्रोन के खिलाफ भी प्रभावी है. यहां तक कि 2020 के एक टेस्ट में इसने एक साथ 10 ड्रोन तबाह कर दिए थे. इसकी क्षमताओं ने इसे भारतीय सेना की पहली पसंद बना दिया है.
Image
Caption
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने न केवल अपने सैन्य ठिकानों की रक्षा की, बल्कि लाहौर में तैनात पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को भी निष्प्रभावी कर दिया. यह ऑपरेशन भारत की रक्षा तैयारियों और आकाश जैसे देसी सिस्टम की ताकत का स्पष्ट संकेत है. भारत अब पूरी तरह से आत्मनिर्भर और जवाब देने में सक्षम है.