हिंदी साहित्य जगत की जानी-मानी हंस पत्रिका के इस सालाना जलसे में देश के कई बड़े लेखकों ने हिस्सा लिया.
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हंस पत्रिका द्वारा आयोजित इस साहित्यिक प्रोग्राम में साहित्यिक, फिल्मों से संबंध रखने वाले 75 से ज्यादा वक्ताओं ने हिस्सा लिया और लोगों को संबोधित किया. यह प्रोग्राम बीकानेर हाउस में 28, 29 और 30 अक्टूबर को आयोजित किया गया.
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यह प्रोग्राम कई कारणों से अलग था. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि यह प्रोग्राम पूरी तरह से हिंदी साहित्य पर केंद्रित था. इस कार्यक्रम की एक खासियत यह भी रही कि इसमें ज्यादातर महिलाओं ने भाग लिया.
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इस प्रोग्राम में अलग-अलग पीढ़ी के लेखकों को शामिल किया गया. समारोह में मृदुला गर्ग और अशोक वाजपेयी जैसे वरिष्ठ साहित्यकार से लेकर कई युवा लेखकों की भी भागीदारी रही जो आज के समय में खूब लिख रहे हैं.
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हंस पत्रिका द्वारा आयोजित समारोह में बुकर अवार्ड विजेता गीतांजलि श्री को सम्मानित किया. गीतांजलि श्री को हंस पत्रिका ने ही लांच किया था. गीतांजलि श्री की पहली स्टोरी हंस पत्रिका के तत्कालीन संपादक राजेंद्र यादव ने पब्लिश की थी.
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आयोजित समारोह के अधिकांश सत्र महिलाओं पर केद्रिंत रहे. इनमें लैगिंक समानता, महिला के खिलाफ हिंसा, सिनेमा में महिला का बदलते चेहरे जैसे कई छोटे छोटे सत्र आयोजित किए गए.