साइबर ठगी (Cyber Fraud) की घटनाएं इन दिनों लगातार बढ़ रही हैं. लोग जानकारी के अभाव में अक्सर ठगी का शिकार हो जाते हैं. मुंबई में एक निजी कंपनी में अकाउंट ऑफिसर के रूप में जॉब करने वाली 34 साल की महिला के खाते से साइबर ठगों (Cyber Criminals) ने 1 लाख 80 हजार रुपये निकाल लिए. ठगों ने इस काम को अंजाम देने के लिए फिशिंग लिंक (Fishing Links) का इस्तेमाल किया.
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साइबर ठग इन दिनों फिशिंग लिंक का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक लिंक आता है जिसमें आपकी गोपनीय जानकारियां आप खुद ही फिल कर देते हैं. डीटेल्स भरने के बाद जैसे ही लिंक को क्लिक करते हैं सारा पैसा चला जाता है. मुंबई की इस महिला के साथ भी ऐसा ही हुआ. जैसे ही महिला ने उस लिंक को क्लिक किया, उसके फोन का कंट्रोल ठगों के हाथ में चला गया और उन्होंने इत्मीनान से खाते से सारे पैसे निकाल डाले.
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साइबर ठगी का शिकार हुई महिला ने मुंबई (Mumbai) के सांताक्रूज (santacruz) पुलिस स्टेशन में 16 मई को इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई है. पुलिस के मुताबिक, महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह 9 मई को विले पार्ले (वेस्ट) में बने अपने दफ्तर में काम कर रही थी. उसी दौरान उसके फोन पर एक लिंक के साथ टेक्सट मैसेज मिला. इस मैसेज में उसे अपना पैन कार्ड अपडेट करने के लिए कहा गया था.
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महिला ने फेक लिंक को बैंक का मैसेज समझकर क्लिक कर दिया. ऐसा करते ही HDFC बैंक का एक फर्जी वेबपेज खुल गया. महिला ने वहां अपना यूजर आईडी और पासवर्ड दर्ज कर दिया. महिला ने जैसे ही डीटेल्स शेयर कीं, उसके फोन पर वन-टाइम पासवर्ड (OTP) आ गया. इसके बाद उसे OTP और पैन नंबर की डिटेल बताने के लिए कहा गया.
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पुलिस के मुताबिक महिला ने जैसे ही अपने OTP और पैन कार्ड (Pan Card) की डिटेल दर्ज की, उसके बैंक खाते से 1.80 लाख रुपये निकल गए. अपने अकाउंट से पैसे निकलते ही महिला परेशान हो गई. उसने अपने बैंक में फोन करके तुरंत खाते को ब्लॉक करवाया और उसके बाद थाने में जाकर शिकायत दी.
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पुलिस ने कंप्लेंट के आधार पर अज्ञात ठगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 सी (पहचान की चोरी) और 66 डी के तहत केस दर्ज कर लिया है.
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साइबर एक्सपर्ट्स और पुलिस अधिकारी बार-बार कहते हैं कि धोखाधड़ी (Cyber Fraud) के इस तरह के मामलों में लोगों की लापरवाही ही उनका नुकसान कराती है. उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं होती कि कोई भी बैंक पैन या आधार अपडेट करने के लिए फोन पर इस तरह लिंक नहीं भेजता और न ही किसी को फोन करता है. अगर कहीं से कभी इस तरह का कॉल या मैसेज के साथ लिंक आए तो समझ जाना चाहिए कि साइबर फ्रॉड के जाल में आप फंस रहे हैं. ऐसे लिंक पर कभी क्लिक न करें.
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साइबर पुलिस के मुताबिक ओटीपी कभी किसी के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए. कोई भी ऐसे ऑफर की लालच में नहीं आना चाहिए जिसमें आपको बेहद महंगे ऑउफऱ दिए जाएं. ऐसे लिंक पर क्लिक करने से परहेज करें. कभी किसी लिंक पर अगर आप क्लिक कर दें तो भूलकर भी डीटेल्स शेयर न करें. ज्यादातर फ्रॉड ओटीपी के जरिए हो रहे हैं, ऐसे में आपको ज्यादा सावधान होने की जरूरत है.