कांग्रेस एक पखवाड़े के भीतर दिल्ली के चाणक्यपुरी में अपना बंगला खाली कर सकती है. केंद्र सरकार के ध्यान में लाया गया है कि कांग्रेस पार्टी को आवंटित की गई C-II/109 चाणक्यपुरी की संपत्ति पर पूर्व राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा का कब्जा है.
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एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि केंद्र द्वारा बेदखली की कार्यवाही शुरू करने के कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस बंगला खाली कर सकती है. जानकारी के अनुसार, इस बंगले का एक महीने का किराया 5,07,911 रुपये है. पिछली बार अगस्त 2013 में अंतिम बार इसका भुगतान किया गया था. अब तक जुर्माना सहित किराया 3.08 करोड़ रुपये हो गया है.
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25 मार्च को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत संपदा निदेशालय द्वारा भेजे गए बेदखली नोटिस की एक प्रति एएनआई के पास है. जिसमें कहा गया है कि अनुसूची में उल्लिखित सार्वजनिक परिसरों पर अनधिकृत कब्जा करे पर आपको उक्त परिसर से बेदखल किया जाना चाहिए. 26 जून 2013 से इसका आवंटन रद्द होने के बाद भी आप सार्वजनिक परिसरों पर कब्जा करना जारी रखे हुए हैं.
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नोटिस में आगे कहा गया है कि आप मेरे सामने व्यक्तिगत रूप से या एक विधिवत अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से पेश हो सकते हैं जो मामले से जुड़े सभी भौतिक सवालों के जवाब देने में सक्षम हो. साथ ही कारण के समर्थन में पेश करने वाले सबूत को भी लाया जाए. यदि आप कारण बताने में विफल रहते हैं तो मामले का एकतरफा फैसला किया जाएगा.
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फरवरी में आरटीआई के एक जवाब में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के पास कांग्रेस कार्यालय, सोनिया गांधी के आधिकारिक आवास और चाणक्यपुरी बंगले सहित तीन संपत्तियों का किराया और बकाया है.
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आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में यह चाणक्यपुरी बंगला कांग्रेस पार्टी को दिया गया था लेकिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के सचिव विन्सेंट जॉर्ज इस संपत्ति में रह रहे हैं.