दिल्ली (Delhi) में अगले सप्ताह तीनों नगर निगमों (Municipal Corporation) का एकीकरण होने वाला है. अगले सप्ताह तीनों नगर निगमों का स्वतंत्र अस्तित्व खत्म हो जाएगा. इसके तत्काल बाद एक एकीकृत दिल्ली नगर निगम (MCD) अस्तित्व में आ जाएगा. अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या तीनों निगमों का अस्तित्व खत्म होने के बाद दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ चल रहा मिशन बुलडोजर प्रभावित होगा या नहीं. ऐसी भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या नगर निगम अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन बंद कर देगा.
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दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष आदेश गुप्ता (Adesh Gupta) ने तीनों नगर निगमों से अपील की थी कि अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया जाए. बीते महीने से अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर सड़क पर उतरे हैं. ज़ी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तीनों निगमों के विघटन के बाद ये अभियान चलेगा या नहीं, यह काफी हद तक केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त किए जाने वाले 'विशेष अधिकारियों' पर निर्भर करेगा.
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संशोधित डीएमसी अधिनियम 2022 के अनुसार, 'नगर निगम (MCD) के मामलों का संचालन एक सीनियर अधिकारी की ओर से किया जाएगा. जिसे गृह मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से 'स्पेशल ऑफिसर' नियुक्त किया जाएगा. बीजेपी का दबदबा अभी तीनों नगर निगमों पर है. बीजेपी नेताओं को यह चिंता सता रही है कि जब नगर निगम किसी विशेष अधिकारी के अंडर आ जाएंगे तब भी क्या अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर चलेगा.
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बीजेपी के पार्षद ने कहा, बुलडोजर चलाने का भविष्य अधर में है, क्योंकि विशेष अधिकारी वर्तमान महापौर के तौर पर काम नहीं करेंगे. हम यह नहीं कह सकते कि विशेष अधिकारी अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे. फिर भी यह सच है कि वह एक राजनेता की तरह काम नहीं करेगा और राजनीतिक लाभ के लिए बुलडोजर नहीं चलाएगा.
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जहांगीरपुरी में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद, बीजेपी के शासन वाली एमसीडी दिल्ली में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए अचानक से सक्रिय नजर आने लगी. जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल की हिंसा के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं पर हिंसक झड़पों का आरोप लगाते हुए उत्तरी दिल्ली के मेयर से क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग की थी. तीनों नगर निगमों ने फिर एक्शन मोड में आकर अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू र दिया था.
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तीनों निगमों के एकीकरण के बाद बनने वाले एकीकृत नगर निगम के लिए अगले 6 महीने में चुनाव होने वाले हैं. चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को आम आदमी पार्टी से कड़ी टक्कर मिलने वाली है. AAP तो यहां तक दावा कर रही है कि डर की वजह से बीजेपी चुनाव आयोग पर दबाव बना रही है कि चुनाव देर से कराए जाएं. खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि बीजेपी को हार का डर सता रहा है इसलिए चुनाव नहीं होने दे रही है.