आज देश का युवा वर्ग फिटनेस को लेकर काफी जागरूक और सर्तक है. जिम जाना अब लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है लेकिन इस लाइफस्टाइल को जीने और खुद को दूसरों से अच्छा बनाने की चाह में लोग कई तरह की गलतियां कर बैठते हैं. आज हम आपको उन्हीं गलतियों में से 5 बड़ी गलतियों के बारे में इंफोग्राफिक्स की मदद से समझाएंगे जिन्हें समय पर ठीक कर लेने से आपको जिम में होने वाली तमाम मुश्किलों जैसे मांसपेशियों में दर्द, मसल ग्रोथ ठीक से नहीं होना आदि से छुटकारा मिल जाएगा.
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जब भी आप जिम में एक्सरसाइज करने जाते हैं तो आपको एक्सरसाइज शुरू करने से पहले अच्छी तरह से वार्म-अप करके बॉडी को गर्म करना चाहिए. साथ ही स्ट्रेचिंग भी करनी चाहिए. ऐसा नहीं करने से वर्कऑउट के दौरान आपकी मांसपेशियां अकड़ जाती साथ ही चोट लगने, मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. इसलिए वर्क-ऑउट करने से पहले वार्म-अप जरूर करें.
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जल्दी बॉडी बनाने की चाह किसे नहीं होती ? किसी को हल्क बनना है, किसी को सुपरमैन तो किसी को वंडरवुमेन. इसलिए लोग जिम में कभी-कभी किसी बॉडी पार्ट को हद से ज्यादा ट्रेन कर लेते हैं जिसकी वजह से मसल बनने की बजाए टूटना शुरू हो जाता है. इसे मसल-ब्रेक या मसल-लॉस भी कहते हैं. ओवर-ट्रेन करने से मांसपेशियों में गहरी चोट(deep muscle injury)भी आ सकती है. इसलिए अपने ट्रेनर की बात माने और एक्सरसाइज शेड्यूल को ही फॉलो करें.
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जब आप कोई एक्सरसाइज शुरू करते हैं तो हर सेट के बीच आपको अपने मसल को प्रोपर रेस्ट देना होता है. अगर आप बिना रेस्ट दिए जल्दी-जल्दी सेट लगाते हैं तो उसका नेगेटिव असर पड़ता है. इतना ही रोजाना एक ही एक्सरसाइज रिपीट करने से आपके उस बॉडी पार्ट को आराम नहीं मिल पाता जिसे आप ट्रेन करते हैं. इस वजह से आपको मसल इंजरी से लेकर बोन इंजरी भी हो सकती है. इसलिए रोजाना अलग-अलग बॉडी पार्ट को ट्रेन करें. इससे आपके मसल को रिकवर होने का पूरा समय मिलेगा और साथ ही आपके मन मुताबिक बॉडी भी मिलेगी.
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कई सारे लोगों को ये भ्रम होता है कि हम बस जिम में एक्सरसाइज कर लेंगे और कुछ भी खा लेंगे तो काम चल जाएगा. मगर हम आपको बता दें ऐसा कुछ भी नहीं हैं. जिम में जो एक्सरसाइज आप करते हैं वह केवल 25-30% तक ही काम करती है बाकी खेल डाइट का होता है. वैसे तो एक्सरसाइज करने वाले हर शख्स की डाइट अलग होती है. किसी को मसल साइज बढ़ाना होता है तो वह अपनी डाइट में प्रोटीनयुक्त आहार(जैसे चिकन,पनीर, दूध, सोया आदि) अधिक रखते हैं और जिन्हें वजन घटाना होता है तो वह कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट लेते हैं जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है. अगर आप एक्सरसाइज के बाद समय पर एक बैलेंस डाइट लेते हैं तो आपको यकीनन फायदा मिलेगा और अगर आप ठीक से डाइट नहीं लेते तो आपको उसके नकारात्मक परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं.
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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियो वर्कऑउट न केवल मजबूत मांसपेशियों के निर्माण के लिए जरूरी है बल्कि मसल टोन को बनाए रखने और रोजाना के कामों को आराम से करने में भी मदद करती है. जिम में 10 में से केवल 1-2 लोग ही इसे करते है. आपको बता दें कि बड़े से बड़े एथलीट भी कम से कम एक हफ्ते में एक बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियो वर्कऑउट जरूर करते हैं इससे बॉडी में फ्लेक्सिबिलिटी आती है साथ ही आपको वेट लिफ्टिंग में मदद भी मिलती है.
Short Title
इंफोग्राफिक्स की मदद से समझिए जिम में की जाने वाली 5 बड़ी गलतियां