दुनिया तेजी से बदल रही है. टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस है कि अब मशीनें खुद-ब-खुद सोचने भी लगी हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदौलत कंप्यूटर कुछ चीजें सीख लेता है और उसी पैटर्न के हिसाब से काम करते हैं. आर्किटेक्ट मानस भाटिया ने AI और एडवांस कंप्यूटिंग का इस्तेमाल करके एक ऐसे भविष्य की कल्पना की है जो होश उड़ा देगा. बिल्डिंगों का डिजाइन बनाने वाले मानस भाटिया ने ऊंची इमारतों वाली ऐसी दुनिया की कल्पना की है जिसमें पेड़-पौधे और हरियाली के साथ-साथ शानदार वातावरण होगा जो एडवांस होने के साथ ही प्रदूषण रहित भी होगा.
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आर्किटेक्ट मानस भाटिया ने अपनी कल्पना की तस्वीर उतारने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाले एक टूल 'Midjourney' का इस्तेमाल किया. यह टूल तस्वीरों को एडवांस पिक्चर में बदलत देता है. इसमें टेक्नोलॉजी, भविष्य की इमारतें, मैटेरियल और हरियाली के लिए अलग-अलग फीचर भी होते हैं जिनका इस्तेमाल करके शानदार और अभूतपूर्व डिजाइन तैयार किए जा सकते हैं. (फोटो क्रेडिट: मानस भाटिया)
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मानस भाटिया बताते हैं कि AI वाले टूल और एडिटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के बावजूद एक तस्वीर बनाने में उन्हें कम से कम 20 मिनट का समय लगता है. इसके बाद वह हर तस्वीर को शानदार बनाने के लिए सैकड़ों बार उनकी एडिटिंग करते हैं और फोटोशॉप की मदद से तस्वीरों को एकदम सजीव बना देते हैं. इस तरह काम करने से AI सीखता जाता है और अपने-आप ही इसी तरह की तस्वीरें डिजाइन करता है. (फोटो क्रेडिट: मानस भाटिया)
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एक दूसरे प्रोजेक्ट के लिए मानस ने कल्पना की है कि जीवित चीजों से घरों को कैसे बनाया जा सकता है. इसमें दिखाया गया है कि इतने बड़े-बड़े पेड़ होंगे कि उनके अंदर ही घर बनाए जा सकेंगे. साथ ही, यह भी दिखाया गया है कि पेड़ों के खोखला होने की वजह से उनमें लिफ्ट और अन्य ज़रूरी चीजें फिट की जा सकेंगी. इसी के अंदर फ्लैट और अपार्टमेंट भी बनाए जा सकेंगे. (फोटो क्रेडिट: मानस भाटिया)
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कैलिफोर्निया का Hyperion 380 फीट लंबा पेड़ है और इसे दुनिया का सबसे लंबा और जिंदा पेड़ माना जाता है. मानस की कल्पना में देखा जा सकता है कि इसी तरह सैकड़ों मीटर लंबे पेड़ों पर घर बनाए जा सकते हैं. इन पेड़ों की वजह से हरियाली से वातावरण भी साफ-सुथरा होगा और बिजली की ज़रूरतों को भी काफी कम किया जा सकेगा. (फोटो क्रेडिट: मानस भाटिया)
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प्राकृतिक मॉडल पर बनने वाली इस दुनिया में बनाए जाने वाले टावरों की इमारतों की बाहरी दीवार पेड़ों की छाल के जैसे होगी. यानी कि ये दीवारें जिंदा होंगी और अपने तापमान को संतुलित रख सकेंगी. मानस का कहना है कि अगर हम इस ऑर्गैनिक मैटेरियल तैयार कर सकें कि उनका इस्तेमाल करके घर बनाए जाएं तो इन घरों का तापमान हमेशा संतुलित रहेगा. ऐसे में इन घरों में एसी समेत बिजली के कई उपकरणों का इस्तेमाल ही नहीं करना होगा और ऊर्जा की ज़रूरतें अपने-आप कम हो जाएंगी. (फोटो क्रेडिट: मानस भाटिया)
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मानस के डिजाइन को अगर साकार किया जा सके तो कॉन्क्रीट के बिल्डिंग मैटेरियल का इस्तेमाल वैसे ही कम हो जाएगा. इससे प्रदूषण का स्तर अपने-आप कम हो जाएगा. कार्बनिक पदार्थों का इस्तेमाल करने से प्रदूषण और तापमान नियंत्रण में रहेगा. इसके अलावा, लोगों को प्रकृति के बेहद करीब रहने का मौका मिलेगा जिससे उनकी लाइफस्टाइल में सुधार आएगा और उनकी सेहत भी काफी अच्छी रहेगी. (फोटो क्रेडिट: मानस भाटिया)
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मानस भाटिया की बनाई इन तस्वीरों को देखकर सोशल मीडिया यूजर्स भी हैरान रह गए. कोई इसे 'हैरी पॉटर' की दुनिया बता रहा है तो कोई थार के 'एस्गार्ड' से इसकी तुलना कर रहा है. हालांकि, यह सिर्फ़ डिजाइन भर है लेकिन टेक्नोलॉजी के विकास और AI जैसी नई-नई सुविधाओं का इस्तेमाल देखकर किसी भी तरह की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. (फोटो क्रेडिट: मानस भाटिया)
Short Title
हैरी पॉटर-थॉर की दुनिया भी हो जाएगी फेल, ऐसा होगा हमारा भविष्य, तस्वीरें उड़ा दे