दिल्ली में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की वापसी हो रही है. यहां की 70 विधानसभा सीटों में से 48 पर बीजेपी का कब्जा होता दिख रहा है. दिल्ली में 10 साल शासन करने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार गिरती दिख रही है. आइए जानें आप की हार के पांच कारण:
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आम आदमी पार्टी का जन्म दिल्ली में फ्रीबीज की पॉलिटिक्स करके हुआ था. दिल्ली में बिजली हाफ पानी माफ के नारे के साथ आम आदमी पार्टी ने नायक की तरह एंट्री की थी. इस बार बीजेपी ने इसी फ्रीबीज के मुद्दे को भुनाया और मेनिफेस्टो में आप से ज्यादा फ्री की योजनाओं की घोषणा की.
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केजरीवाल ने दिल्ली में आम आदमी कहकर एंट्री की थी. खुद को ईमानदार नेता बताया था लेकिन बाद में 'शीशमहल' और शराब घोटाला जैसे मामलों में नाम आने से केजरीवाल की ईमानदार छवि पर असर पड़ा.
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दिल्ली में प्रदूषित यमुना को साफ करने का वादा केजरीवाल ने किया था लेकिन पिछले 10 सालों में यमुना जस की तस बनी रही. 2025 के चुनावों में बीजेपी ने दावा किया कि अगर केंद्र, हरियाणा और दिल्ली तीनों जगह बीजेपी की सरकार बनती है तो मिशन स्तर पर यमुना को साफ किया जाएगा. इस बात दिल्ली की जनता ने भरोसा किया और आप को हार मिली.
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दिल्ली में साफ पीने का नहीं मिलना भी दिल्ली वालों का गुस्सा दिखाता है. दिल्ली में बेशक पानी के बिल नहीं आ रहे हों लेकिन जितना गंदा पीने का पानी दिल्ली की जनता को मिला उसका खामियाजा केजरीवाल को 2025 के विधानसभा चुनावों में देखने को मिला.
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बीजेपी ने हॉट सीट कालकाजी, नई दिल्ली, जंगपुरा और पटपड़गंज से अपने ऐसे कद्दावर नेता खड़े किये कि आप दूसरी सीटों पर चुनाव प्रचार करने तो गई लेकिन माइक्रो मैनेजमेंट नहीं कर सकी. इस वजह से भी आप को इस बार हार का सामना करना पड़ा.