डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने बाल भिखारियों के लिए एक विशेष पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किया है जिसके तहत बच्चों को शिक्षित होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और सरकार उनके माता-पिता को नौकरी देगी. राज्य में महामारी के दौरान बाल भिखारियों की संख्या में तेजी देखी गई थी जिसके बाद उन बच्चों को सहज देने के लिए योगी सरकार ने नया खाका तैयार कर लिया है.
दरअसल, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने कहा कि जिलों में बाल भिखारियों की पहचान की गई है और उनके लिए एक विशेष कार्यक्रम लागू किया गया है. उन्होंने कहा, "इसके तहत हम बच्चों को स्कूल लौटने के लिए प्रोत्साहित करेंगे जबकि सरकार उनके माता-पिता को नौकरी देगी ताकि परिवारों के पास आय का स्रोत हो और बच्चों को भीख न मांगनी पड़े."
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करते देखा गया है और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, "हम ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए क्रॉसिंग, मॉल, बाजारों और पूजा स्थलों पर नजर रखेंगे जो बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं."
योगी सरकार (Yogi Government) के इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए विभिन्न विभाग और गैर सरकारी संगठन काम करेंगे. वहीं मुक्त कराए गए बच्चों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा. प्रत्येक जिले में एक बाल श्रम पुनर्वास कोष भी स्थापित किया जाएगा.
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भीख मांगने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिए बाल श्रमिक विद्या योजना शुरू की गई है और मिशन शक्ति के तहत जरूरतमंद परिवारों के बच्चे इस कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे. उनके माता-पिता भी परामर्श प्राप्त करेंगे जबकि बच्चों को प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा.
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