डीएनए हिंदी: अपने बयानों और गतिविधियों के लिए विवादों में रहने वाले यति नरसिंहानंद गिरी एक बार फिर से चर्चा में हैं. उत्तर प्रदेश के डासना में रहने वाले नरसिंहानंद को पुलिस ने तीन दिनों के लिए नजरबंद कर दिया है. श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद के खिलाफ पुलिस ने यह कार्रवाई तब की जब वह डासना से निकलकर दिल्ली में एक धरना-प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे. नरसिंहानंद ने अपने खिलाफ हुई इस कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या बताया है.
यति नरसिंहानंद ने नजरबंद किए जाने के बाद कहा कि अब पुलिस के अत्याचार की वजह से हिंदुओं का आत्मरक्षा और न्याय के लिए आवाज उठाने का अधिकार छिन गया है. नरसिंहानंद ने कहा, 'अगर हिंदू संन्यासियों को शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में भी जाने से रोका जाएगा तो हिंदू समाज का मनोबल टूटना तय है. इससे इस्लामिक जिहादियों का हौसला बढ़ेगा. हिंदू समाज के लोग आगे बढ़ें और इस अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएं.'
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दिल्ली जाने वाले थे नरसिंहानंद
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को खबर थी कि यति नरसिंहानंद दिल्ली जाने वाले हैं. इसीलिए दिल्ली और गाजियाबाद की पुलिस डासना देवी मंदिर के बाहर शनिवार रात स ही मौजूद थी. रविवार को जैसे ही नरसिंहानंदर अपने साथी साधु-संतों के साथ मंदिर से निकले और अपनी गाड़ी की ओऱ बढ़े. पुलिस ने उनको रोक लिया. काफी देर बहसबाजी और नोक-झोंक हुए लेकिन पुलिस ने उनको दिल्ली नहीं जाने दिया.
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इसके बावजूद नरसिंहानंद अपनी कार में बैठ गए. ये देखकर एसीपी रवि कुमार सिं पुलिस फोर्स के साथ नरसिंहानंद की कार के आगे खड़े हो गए. आखिरकार नरसिंहानंद कार से उतरने को मजबूर हो गए. अब पुलिस ने नरसिंहानंद को उनके मंदिर में ही तीन दिन तक नजरबंद रखने का आदेश दिया है.
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यति नरसिंहानंद गिरी को पुलिस ने तीन दिन के लिए किया नजरबंद, दिल्ली में धरना देने की थी तैयारी