डीएनए हिंदी: सीमा पर चीन की ओर से भारत को लगातार चुनौती मिल रही है और बीजिंग की चालाकियों से निपटने के लिए भारत ने भी सारी तैयारियां कर रखी हैं. पूर्वी लद्दाख के सामरिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इस इलाके में भारत अपनी सक्रियता और क्षमता बढ़ा रहा है. पूर्वी लद्दाख से करीब 30 किमी दूर न्योमा एयरफील्ड में भारत दुनिया का सबसे बड़ा एयरबेस तैयार कर रहा है. यह क्षेत्र भारत की सामरिक ताकत के लिहाज से महत्वपूर्ण इलाका है. माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक यह एयरबेस पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. इसके अलावा भारत ने लद्दाख के सीमावर्ती हिस्सों तक परिवहन और दूसरी सुविधाओं के विस्तार पर भी काफी ध्यान दिया है.
दुनिया का सबसे ऊंचा एयरबेस बनेगा लद्दाख में
पूर्वी लद्दाख से करीब 30 किमी दूर न्योमा एयरफील्ड 2023 के अंत तक फाइटर जेट की उड़ान के लिए तैयार हो जाएगा. इस एयरबेस को 14000 फीट की ऊंचाई पर बनेगा. यह दुनिया का सबसे ऊंचा एयरबेस होगा. 12 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसका शिलान्यास करेंगे. बता दें कि चीन की सीमाओं से सटा यह इलाका रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है. चीन की चुनौती से निपटने के लिए भारत खुद को पूरी तरह से तैयार और मजबूत रखना चाहता है. बता दें कि इसी क्षेत्र पूर्वी लद्दाख में चीन बॉर्डर के पास भारत दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क, टनल और फाइटर जेट बेस भी बना रहा है.
The Border Roads Organisation will be constructing World's highest fighter airfield at Nyoma in Ladakh. Shilanyas of this project will be done by Defence Minister Rajnath Singh on 12 Sep temper from Devak bridge in Jammu: BRO
— ANI (@ANI) September 10, 2023
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लद्दाख में तीसरा एयरबेस होगा न्योमा
रक्षा मामलों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 50 किमी से भी कम दूरी पर न्योमा एयरबेस पर काम शुरू हो गया है. चीन की चुनौतियों से निपटने के लिहाज से यह एयरबेस महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से लड़ाकू विमान ऑपरेट किए जा सकते हैं. पिछले कुछ वक्त में चीन ने भी लद्दाख से सटे अपने क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाई है और तेजी से निर्माण कार्य हो रहा है.
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चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए यह एयरबेस महत्वपूर्ण है. हालांकि, 2020 के बाद से अब तक कोई और झड़प देखने को नहीं मिली है लेकिन चीन समय-समय पर अपनी आक्रामकता और साम्राज्यवादी नीतियों का प्रदर्शन करता रहा है. जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले भी चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल और लद्दाख का बड़ा हिस्सा दिखाया था. भारत ने इसलिए सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण एलएसी के पास अपनी सक्रियता पहले के मुकाबले तेज कर दी है.
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चीन से निपटने के लिए अचूक अस्त्र, लद्दाख में तैयार होगा सबसे ऊंचा एयरबेस