लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पार्टियां रोज नई रणनीतियां बनाती नजर आ रही हैं. इसी क्रम में सपा ने एक बड़ा फैसला लिया है. कन्नौज लोकसभा सीट (Kannauj Lok Sabha Seat) से समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) मैदान में उतर रहे हैं. जबकि कुछ दिनों पहले ही ये सीट अखिलेश के भतीजे और लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को दी गई थी. खबर है कि अखिलेश यादव 25 अप्रैल को कन्नौज सीट के लिए नामांकन कर सकते हैं. इस घटनाक्रम से राजनीतिक गलियारों में खूब सुगबुगाहट है. जानकारों के मुताबिक सपा की तरफ से कन्नौज सीट के लिए उतारे गाए प्रत्याशी तेज प्रताप यादव को बदलकर अखिलेश को लाने के पीछे कई वजहें रही हैं.
इस फैसले के पीछे की प्रमुख वजह
जानकारों के मुताबिक हाल ही में सपा के प्रतिनिधि मंडल ने अखिलेश यादव से मिलकर कन्नौज लोक सभा सीट को लेकर फीडबैक दी थी. इसमें कहा गया था कि तेज प्रताप की जगह अगर अखिलेश यादव इस सीट से मैदान में उतरते हैं तो बाजी सपा के पक्ष में जा सकती है. साथ ही इन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कनौज की एक बड़ी आबादी तेज प्रताप को ठीक से पहचानती नहीं है. ऐसे में इस सीट पर सपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है. इन सभी पहलुओं से वाकिफ होने के बाद अखिलेश यादव ने कन्नौज लोक सभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.
बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने अखिलेश को लेकर उठाए सवाल
इस सीट से बीजेपी के प्रत्याशी और मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक ने इस बदलाव को लेकर कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि 'सपा अखिलेश का दल है और उनकी जेब में पड़ा हुआ है. जब जिसको मन हो तो टिकट दे देते हैं, जब मन करे तो टिकट काट भी देते हैं.' साथ ही उन्होंने जोड़ा कि 'अखिलेश यादव के सिवाय कन्नौज से कोई प्रत्याशी मैदान में आता तो उड़की जमानत जब्त हो जानी तय है. अखिलेश और सपा का घमंड टूट चुका है.'
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अखिलेश यादव ने आखिरी वक्त में कन्नौज से लड़ने का क्यों लिया फैसला, जानें इसके पीछे की वजह