दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद सियासी पारा हाई हो गया है. 27 साल बाद दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है. अब आम आदमी पार्टी विपक्ष की भूमिका में है. दिल्ली विधानसभा के बाहर आज उस समय अफरा-तफरी मच गई जब आम आदमी पार्टी (आप) की नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) आतिशी की कार को विधानसभा परिसर के पास रोक दिया गया. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने इस घटना को विपक्षी नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाने की घटना बताया है.
मंगलवार को आतिशी समेत 21 आप विधायकों को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के उद्घाटन भाषण में बाधा डालने के लिए निलंबित कर दिया गया था. इन विधायकों ने विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के कार्यालय से बीआर अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें कथित तौर पर हटाए जाने के खिलाफ नारे लगाए थे. आतिशी ने पूछा, 'बीजेपी को बीआर अंबेडकर की तस्वीर और उनके नाम से दिक्कत है. जब हमने सदन के अंदर 'जय भीम' के नारे लगाए तो हमें मार्शलों ने बाहर निकाल दिया, लेकिन जब उन्होंने 'मोदी, मोदी' के नारे लगाए तो उन्हें मार्शलों ने बाहर नहीं निकाला. क्या इसका मतलब यह है कि बीजेपी सोचती है कि पीएम मोदी बीआर अंबेडकर से बड़े हैं?' दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को लिखे पत्र में आतिशी ने 21 आप विधायकों के निलंबन को 'विपक्ष के साथ अन्याय' बताया और अध्यक्ष से लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने का आग्रह किया.
आतिशी के आरोप
आतिशी के पत्र में लिखा है, 'मैं यह पत्र बहुत दुख और पीड़ा के साथ लिख रही हूं. लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत इसकी निष्पक्षता और समानता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में दिल्ली विधानसभा में जो कुछ भी हुआ, वह न केवल विपक्षी विधायकों के साथ अन्याय है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी गहरा आघात है.' आतिशी ने आगे आरोप लगाया कि विपक्षी विधायकों को निशाना बनाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को बख्शा गया.
उन्होंने लिखा, '25 फरवरी 2025 को उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए, जबकि विपक्ष के विधायकों ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों का सम्मान करते हुए 'जय भीम' के नारे लगाए. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता पक्ष के किसी भी विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन विपक्ष के 21 विधायकों को 'जय भीम' का नारा लगाने के लिए तीन दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया.' विवाद तब और गहरा गया जब निलंबित आप विधायकों ने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना देने का प्रयास किया.
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दिल्ली विधानसभा के बाहर नेताओं की इतनी भीड़ क्यों? BJP पर तानाशाही का आरोप लगा AAP बोली- 'जय भीम' बोलना अपराध?