डीएनए हिंदी: तेलंगाना में इन दिनों एक ही नाम की गूंज है, वह नाम है रेवंत रेड्डी. कर्नाटक विधानसभा चुनावों में उन्होंने ऐसा कमाल किया है, जैसा कोई कर नहीं सकता है. दक्षिणी राज्य में कांग्रेस को मजबूत बढ़त दिलाने वाले रेवंत रेड्डी तेलंगाना के मुख्यमंत्री बन गए हैं. साल 2017 तक वह तेलगू देशम पार्टी में रहे. उन्हें पता चला कि इस पार्टी की जमीनी पकड़ खत्म हो रही है, उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया.
एक वक्त ऐसा भी था जब टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के बेहद करीबी थे. रेवंत रेड्डी ने पार्टी छोड़ने से पहले कहा कि वे अपने राजनीतिक भविष्य के लिए टीडीपी छोड़ रहे हैं. वे बिना किसी मनमुटाव के पार्टी छोड़कर चले गए. रेवंत रेड्डी चुनावी मौसम के जिम्मेदार हैं. वे हर विधायक की कमजोरी और मजबूती जानते हैं. वे राजनीतिक भविष्य भी पढ़ने में सफल रहे हैं.
कैसा रहा है सियासी सफर?
रेवंत रेड्डी जब करीब 30 साल के थे. तब वे जुबली हिल्स हाउसिंग सोसाइटी के अध्यक्ष बने. यह वह क्षेत्र है जहां सबसे अमीर और प्रभावशाली हस्तियां रहती हैं. 2007 में, उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों में एक स्वतंत्र एमएलसी के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इससे ठीक एक साल पहले उन्होंने जिला परिषद के सदस्य के रूप में जीत हासिल की थी. रेवंत रेड्डी एक कुशल रणनीतिकार रहे हैं. उन्होंने अधिकांश सदस्यों को अपना नामांकन वापस लेने के लिए मना लिया और अपना रास्ता साफ कर लिया.
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रेवंत रेड्डी तेलंगाना की सभी प्रमुख पार्टियों में रह चुके हैं. उनकी दोस्ती हर राजनेता से है. रेवंत रेड्डी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारत राष्ट्र समिति, टीडीपी से लेकर कांग्रेस तक में शामिल रहे हैं. उन्हें सही पहचान कांग्रेस में ही मिली. साल 2009 में, उन्होंने ग्रामीण सीट कोडंगल में टीडीपी के टिकट पर जीत हासिल की और 2014 में भी इसे दोहराया.
वह साल 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए. महज छह साल में कांग्रेस ने उन पर ऐसा भरोसा जताया कि उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया. वे सिद्धारमैया की तरह ही भाग्यशाली रहे हैं, जो जनता दल (सेक्युलर) कांग्रेस जाकर छोटे से कार्यकाल में ही साल 2013 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन गए.
रेवंत रेड्डी को अन्ना बुलाते हैं लोग
रेवंत रेड्डी उनके समर्थक अन्ना बुलाते हैं. वे अपने आक्रामक रणनीति के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने कैंपेनिंग के दौरान एक पुलिस अधिकारी से कहा था कि अपने दिन गिनें. मैं सीएम बनकर आ रहा हूं. मैं आपके घर पर होम गार्ड भेजूंगा और आपको बाहर निकाल दूंगा. रेवंत रेड्डी के समर्थकों का कहना था कि पुलिसकर्मी राजनेताओं की ओर से कार्रवाई करने की कोशिश कर रहा था और गिरफ्तारी का कोई कानूनी कारण नहीं था.
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फैमिली मैन हैं रेवंत रेड्डी
रेवंत रेड्डी पूरी तरह से फैमिली मैन भी हैं. वे अपने बच्चों के साथ वक्त बिताना पसंद करते हैं. उन्हें घर पर भी रहना पसंद है.
खाने-पीने के शौकीन हैं रेवत रेड्डी
रेवंत रेड्डी मांसाहारी हैं. उन्हें कीमा, चिकन, पूड़ी और डोसा बेहद पसंद है. वे शराब के भी शौकीन हैं. उनका पसंदीदा खेल फुटबॉल है. वह माराडोना के प्रशंसक हैं. उन्हें पसंदीदा अभिनेता बालाकृष्ण हैं. खुद के कांग्रेसी होने पर रेवंत रेड्डी कहते हैं कि वह कांग्रेसी बन गए क्योंकि उनकी विचारधारा पार्टी से मेल खाती है. अब अगले 5 साल तक वह तेलंगाना की राजीति के सबसे बड़े चेहरे बने रहेंगे.
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कौन हैं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कैसा रहा है सियासी सफर?