बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को वरिष्ठ नेता अशोक सिद्धार्थ, जो उनके भतीजे आकाश आनंद के ससुर हैं, को गुटबाजी को बढ़ावा देने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आधार पर पार्टी से निष्कासित कर दिया. इसके साथ ही सिद्धार्थ के करीबी माने जाने वाले मेरठ के एक अन्य पार्टी पदाधिकारी नितिन सिंह को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. एक्स पर एक पोस्ट में मायावती ने कहा कि उन्होंने बुधवार को कार्रवाई करने से पहले दोनों नेताओं को पहले से चेतावनी दे दी थी. ऐसा माना जा रहा है कि उनके इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया है क्योंकि एक बड़ा वर्ग सतीश मिश्रा के बाद अशोक सिद्धार्थ को उनका सबसे करीबी सहयोगी मानता था.
भतीजे को फिर से किया बहाल
मायावती ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश को राष्ट्रीय संयोजक के पद से हटा दिया था और कहा था कि ऐसी भूमिकाएं लेने से पहले उन्हें अधिक परिपक्व होने की जरूरत है. चुनाव नतीजों के बाद उन्होंने उन्हें फिर से बहाल कर दिया.
कौन हैं अशोक सिद्धार्थ
सिद्धार्थ मायावती के भतीजे आकाश आनंद के ससुर हैं, जिन्हें यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने पिछले साल अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. पूर्व राज्यसभा सांसद सिद्धार्थ कई दक्षिणी राज्यों में पार्टी के प्रभारी रह चुके हैं.
बहुजन समाज पार्टी के नेता
कभी अशोक सिद्धार्थ की गिनती बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेताओं और मायावती के करीबियों में होती थी. मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद की शादी अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा से करवाई थी.
राज्यसभा सांसद
अशोक सिद्धार्थ बहुजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. इसी के साथ उन्होंने बसपा में कई अहम और बड़ी जिम्मेदारियां निभाई हैं.
आंखों के डॉक्टर
मीडिया रिपोर्ट की माने तो अशोक सिद्धार्थ आंखों के डॉक्टर हैं. उन्होंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी और महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज से पढ़ाई की है. अशोक को बसपा एमएलसी भी बना चुकी है.
भतीजे को पार्टी से निकालने के जिम्मेदार
आज मायावती ने अशोक के दामाद और अपने भतीजे आकाश आनंद को भी सभी पदों से हटा दिया है और इसका जिम्मेदार भी अशोक सिद्धार्थ को ही ठहराया गया है.
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मायावती-आकाश: बुआ-भतीजे के मान-मनौव्वल के बीच क्यों उछला अशोक सिद्धार्थ का नाम, जानें इनसे जुड़ी 5 बड़ी बातें