डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में अनूप चौधरी नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. ठगी के आरोप में पकड़ा गया यह शख्स पिछले कुछ सालों से खुद को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का बड़ा नेता और रेल मंत्रालय का सदस्य बता रहा था. इतना ही नहीं, इन फर्जी दावों के आधार पर वह VIP प्रोटोकॉल और सरकारी गनर भी लेकर चल रहा था. अब उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने उसे अयोध्या से गिरफ्तार किया तो पता चला है कि तीन राज्यों में उसके ऊपर इनाम भी घोषित था. इतने बड़े धोखेबाज की गिरफ्तारी के बाद सनसनी मच गई है क्योंकि यह शख्स कई मीडिया संस्थानों को इंटरव्यू भी दे चुका है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अनूप चौधरी के सिर पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में इनाम घोषित है और उसके खिलाफ 10 से ज्यादा केस दर्ज हैं. उत्तराखंड में उसके सिर पर 15 हजार रुपये का इनाम भी रखा गया है. UP STF को सूचना मिली थी कि अनूप चौधरी और उसका गिरोह पीएम मोदी के कार्यों को लोगों तक पहुंचाने के नाम पर संगठित अराध कर रहा है.
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STF को मिली थी शिकायत
आरोप हैं कि अनूप चौधरी जैसे और भी लोग हैं जो खुद को बड़े मंत्रालयों का सदस्य बताते हैं और लोगों के सरकारी काम करवाने के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूलते हैं. इसी क्रम में अयोध्या का अनूप चौधरी भी STF के राडार पर आया. आरोप है कि अनूप ने खुद को रेल मंत्रालय का सदस्य बताकर लोगों से सरकारी काम करवाने के बदले में करोड़ों रुपये ठग लिए हैं. बताया गया है कि वह सरकारी सुविधाओं का लाभ भी ले रहा था.
23 अक्टूबर को पता चला कि अनूप चौधरी अयोध्या के सर्किट हाउस में रुका है. UP STF वहां पहुंची तो वह वहां नहीं था. हालांकि, कुछ देर बाद वह सफेद स्कॉर्पियो से आया और उसकी गाड़ी से उतरे एक गनर ने बताया कि अनूप चौधरी रेल मंत्रालय के सदस्य हैं. इसी गाड़ी में अनूप चौधरी के साथ ड्राइवर फिरोज आलम और सतेंद्र वर्मा नाम के शख्स भी मौजूद थे.
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कारोबारी को फंसाने का था प्लान
बताया गया है कि सतेंद्र वर्मा लखनऊ में कारोबारी है. उसने कहा कि अनूप उन्हें झूठ बोलकर अयोध्या लाया था. सतेंद्र ने बताया, 'अनूप और मेरी मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई थी. वह तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने के लिए एक कंपनी बनाना चाहता था. उसकी इच्छा थी कि मैं इस कंपनी में पार्टनर बनूं और पैसे लगाऊं.' अनूप ने बताया है कि वह भारतीय खाद्य निगम, क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (उत्तर रेलवे) और खाद्य और सार्वजनिक वितरण उपभोक्ता मंत्रालय का अशासकीय सदस्य है.
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अनूप ने श्रीनिवास नाराला नाम के एक शख्स को अपना OSD रखा है और उसी के जरिए फर्जी लेटर पैड पर लेटर लिखकर प्रोटोकॉल और सुविधा मांगता था. हैरानी की बात यह है कि इतने दिनों से न सिर्फ उसे प्रोटोकॉल मिलता रहा बल्कि उसे सरकारी गनर भी मिल गया. इसी के जरिए वह लोगों को अपना रुतबा दिखाता था और उन्हें ठगता भी था. उसके खिलाफ तीन राज्यों में कई केस भी दर्ज हैं.
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कौन है अनूप चौधरी, फर्जी VIP प्रोटोकॉल देख प्रशासन भी खा गया धोखा