डीएनए हिंदी: ED ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को पूछताछ के लिए तलब किया है. अधिकारियों के अनुसार, जांच एजेंसी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत कांग्रेस के दोनों नेताओं के बयान दर्ज करना चाहती है.
आइए आपको बताते हैं क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
दरअसल बात साल 2008 की है, जब नेशनल हेराल्ड अखबार को छापने वाले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के मालिक कांग्रेस पार्टी ने इसकी खराब हालत को देखते हुए इसे बंद करने का फैसला किया था. तब कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली, मुंबई, पंचकुला, लखनऊ और पटना में प्राइम लोकेशन पर स्थित AJL की संपत्तियों को किराए पर देकर वाणिज्यिक विकल्प तलाशना शुरू कर दिया. इन शहरों में संपत्तियों का अधिग्रहण उन राज्यों में कांग्रेस सरकारों की मदद से किया गया था. बताया जा रहा कि इन सभी संपत्तियों को अखबारों के मुद्रण और प्रकाशन के विशिष्ट उद्देश्य के लिए मामूली रकम पर प्राप्त की गईं थीं.
Video : 10 प्वॉइंट्स में जाने क्या है National Herald Case
इसके बाद सीन में आती है साल 2010 में सोनिया गांधी, ऑस्कर फर्नांडिस और कुछ करीबियों द्वारा बनाई नई कंपनी यंग इंडियन (Young Indian). यंग इंडियन जब अस्तित्व में आई तब इसकी शेयर कैपिटल सिर्फ 5 लाख रुपये थी. इसके बाद कथित तौर पर कोलकाता स्थित एक शेल कंपनी से 1 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त किया गया था ताकि वह AJL और उसकी सभी संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए कांग्रेस पार्टी के साथ लेनदेन कर सके. आज सोनिया गांधी और उनके दो बच्चे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी यंग इंडियन के बहुसंख्यक शेयरधारक हैं.
पढ़ें- इस अकेडमी ने श्रुति शर्मा को बनाया UPSC टॉपर, हर साल 150 छात्र लेते हैं फ्री कोचिंग
प्रवर्तन निदेशालय की प्रारंभिक जांच के अनुसार, गांधी परिवार द्वारा नियंत्रित कंपनी जिसकी शुरुआत महज 5 लाख रुपये से हुई थी, अब पूरे देश में 800 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालिक है. वर्तमान में राजधानी नई दिल्ली में स्थित इसकी एक प्रमुख संपत्ति हेराल्ड हाउस में एक पासपोर्ट कार्यालय है. ED द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में AJL को आवंटित पंचकूला की जमीन की अनुमानित कीमत 65 करोड़ रुपये आंकी गई है. AJL और यंग इंडियन की डिटेल्स भी आयकर विभाग द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में यंग इंडियन द्वारा एजेएल के अधिग्रहण को चुनौती देने वाली 2017 की आकलन रिपोर्ट का हिस्सा है. हाई कोर्ट ने इनमक टैक्स विभाग के आरोपों को सही करार देते हुए उसे यंग इंडियन के बहुसंख्यक शेयरधारकों सोनिया और राहुल गांधी के आयकर रिटर्न को फिर से खोलने की अनुमति दी.
पढ़ें- Time Machine: क्या टाइम ट्रैवल की थ्योरी से भविष्य की सैर संभव है?
यंग इंडियन एक सेक्शन 25 कंपनी थी, जिसे एक धर्मार्थ गैर-लाभकारी संगठन होने के कारण कर का भुगतान करने से छूट दी गई थी. इस कंपनी द्वारा 29 मार्च 2011 को IT छूट के लिए आवेदन किया जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सत्ता में थी और इसे 9 मई 2011 को "वर्ष 2010-11 से प्रभावी" प्रदान किया गया था - जिसका अर्थ है कि नई कंपनी को कर छूट भी मिली, लेकिन वह कंपनी उस समय अस्तित्व में नहीं थी.
पढ़ें- 'आपके जल्द स्वस्थ होने की कामना', सोनिया गांधी के कोरोना संक्रमित होने पर बोले PM मोदी
अब यंग इंडियन अपनी बेशकीमती संपत्तियों पर अपना नियंत्रण बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है, जिसमें हेराल्ड हाउस भी शामिल है, जिसकी अनुमानित कीमत सैकड़ों करोड़ है. आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने आवंटन खंड के उल्लंघन का हवाला देते हुए हेराल्ड हाउस के लीज डीड को रद्द कर दिया है, जहां निर्धारिती समाचार पत्र प्रकाशित करने के बजाय व्यावसायिक लाभ के लिए संपत्ति का उपयोग किया जा रहा था. गांधी परिवार ने दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष इस आदेश को चुनौती दी थी, जहां रिट खारिज कर दी गई थी. पंचकूला की संपत्ति का कब्जा ईडी को उसके कुर्की आदेश की पुष्टि के जरिए पहले ही दिया जा चुका है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
'5 लाख से शुरू हुई थी Young Indian, आज 800 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति'