डीएनए हिंदी: अर्थशास्त्र के विभिन्न सिद्धांत मानते हैं कि सार्वजनिक ऋण व सार्वजनिक व्यय एक उभरती हुई अर्थव्यव्स्था के लिए अच्छा होता है..लेकिन वर्तमान श्रीलंका संकट अर्थशास्त्र के इन नियमों पर खरा नहीं उतरता...श्रीलंका के आर्थिक हालात इन दिनों दुनियाभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं. गुरुवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के राजधानी कॉलेज में श्रीलंका के आर्थिक हालात पर चर्चा को लेकर एक इंटरनेशल बेबिनार का आयोजन किया गया.

राजधानी कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित किए गए इस बेबिनार का शीर्षक था- 'Present Crisis in Sri Lanka: A Lesson to the Neighbouring countries'. इस बेबिनार में श्रीलंका के हालातों में कारकों तथा प्रभावी तत्वों को गहराई से चर्चा के लिए श्रीलंका, नेपाल और भारत के अर्थशास्त्री व वक्ता शामिल हुए.

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प्रारम्भिक सत्र में वेबिनार के संयोजक व विभाग प्रभारी डॉ. सुनील बाबू ने वेबिनार के विषय व आवश्यकता पर रोशनी डालते हुए वेबिनार को सामाजिक विज्ञान व अर्थशास्त्र के शोधकर्ताओं व देश की आर्थिक नीति निर्माताओं के लिए अत्यंत आवश्यक बताया. प्रो. बंटी कुमार ने मुख्य अतिथियों का स्वागत करते हुए उनका विधिवत परिचय दिया तथा विश्वविद्यालय में इस विषय पर होने वाला प्रथम व आवश्यक बताया. कॉलेज प्राचार्य प्रो. राजेश गिरि ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए वेबिनार को  नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नव-प्रवर्तन, शोधकार्य तथा लकीर से हटकर सोच को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया.

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वेबिनार में प्रो. बलराम पाणी, ड़ीन ऑफ़ कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी, मुख्य अतिथि रहे. प्रो. पाणी ने कहा कि देश की आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक समस्याओं को समझना व उनका विश्लेषण व समाधान ढूंढना देश के बुद्धिजीवी वर्ग की ही ज़िम्मेदारी होती है और इस तरह के वेबिनार का आयोजन होते रहने चाहिए. उन्होंने वसुदेव कुटुम्ब की अवधारणा का ज़िक्र करते हुए कहा कि एक देश की आर्थिक व राजनीतिक स्थितियों का प्रभाव अन्य देशों पर भी पड़ता है.

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एक दिवसीय वेबिनार सौ से अधिक छात्रों व अध्यापकों ने ऑनलाइन अटेंड किया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में  श्रीलंका से प्रो. अनिल फ़र्नांडो ने श्रीलंका के वर्तमान संकट को समझाते हुए कारक तत्वों की चर्चा की. डॉ. उमा शंकर प्रसाद, सदस्य, राष्ट्रीय नीति आयोग, नेपाल ने भी वेबिनार में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करते हुए कहा कि श्रीलंका का आर्थिक व राजनीतिक संकट बहुत गम्भीर है और जिसका प्रभाव पड़ोसी देशों पर पड़ना स्वाभाविक है. प्रो. अरुण कुमार ने श्रीलंका संकट और भारत को इससे क्या सीख लेनी चाहिए विषय पर सरल व स्पष्ट शब्दों में समझाया.

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तकनीकी सत्र के पश्चात प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान छात्रों द्वारा विषय पर प्रश्नों व उत्तरों  को दिया गया और अंत में प्रो. सुशील दत्त द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और वेबिनार को ज्ञानवर्धन तथा शानदार बताया. वेबिनार का संचालन बी ए की छात्रा राधिका व सभ्या ने किया और volunteer छात्र रविंदर, श्रद्धा, लावण्या, विराज, उजाला, निष्ठा, गुरलीन, मीनाक्षी, शिवम् इत्यादि कार्यक्रम के आयोजन में सक्रिय रहे.

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Webinar organised in Delhi University Rajdhani College over Sri Lanka Crisis
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DU: Rajdhani College में इंटरनेशनल वेबिनार का आयोजन
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DU: Rajdhani College में इंटरनेशनल वेबिनार का आयोजन, श्रीलंका के वर्तमान हालात पर हुई चर्चा