डीएनए हिंदी: दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत में मानसून आफत बनकर बरस रहा है. पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश ने जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. उत्तरखंड और हिमाचल में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, कई सड़कें बंद हो गई हैं. दोनों राज्यों में मौसम विभाग ने अगले 2 दिन तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. IMD ने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल में 17 जुलाई से बारिश की गतिविध में वृ्द्धि होने की उम्मीद है, जबकि पूर्वोत्तर भारत में कमी की आशंका है. वहीं राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर में भी बारिश के बढ़ने की आशंका है.
IMD के अनुसार, मध्य और आसपास के पूर्वी भारत में अगले 5 दिनों तक सक्रिय मानसून की स्थिति बने रहने की संभावना है. अगले 24 घंटे झारखंड, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में तेज बारिश होने की उम्मीद है. वहीं मध्य प्रदेश के पश्चिमी जिले और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में 16-18 जुलाई को और छत्तीसगढ़ में 17 जुलाई को बारिश होने की आशंका है. इनके अलावा देश के पश्चिमी हिस्से में भी हल्की और माध्यम वर्षा होगी.
यह भी पढ़ें- सीमा हैदर को हो जाएगी जेल? जानिए क्या है सरकारी एजेंसियों की तैयारी
उत्तराखंड में भूस्खलन से कई मार्ग बंद
उत्तराखंड के अनेक स्थानों पर रविवार को भी बारिश हुई जिससे भूस्खलन के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कों पर यातायात अवरूद्ध हुआ. चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र की नीति घाटी में गिर्थी गंगा नदी में मलबे के साथ अत्यधिक पानी आने के कारण जोशीमठ-मलारी मोटर मार्ग पर एक पुल का अबेटमेंट (पुल को सहारा देने वाली संरचना) क्षतिग्रस्त हो गया. यह पुल मलारी से 8 किलोमीटर आगे नदी पर है. आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सेना द्वारा निर्मित इस मोटर पुल पर सामान्य लोगों का आवागमन नहीं था और इसका उपयोग केवल सेना, आइटीबीपी आदि द्वारा किया जाता था.
उधर, पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण बाढ़ से प्रभावित हरिद्वार जिले की 4 तहसीलों में बचाव और राहत कार्य जारी हैं. धारचूला में काली नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 889 मीटर से उपर पहुंच गया है जबकि गंगा समेत कई नदियां चेतावनी के निशान के नजदीक बह रही हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में पिछले 24 घंटे में सर्वाधिक 70 मिमी बारिश कपकोट में दर्ज की गयी जबकि मसूरी में 61, कर्णप्रयाग में 57, चमोली में 54.4, नागथात में 53, देहरादून के मोहकमपुर में 48, विकासनगर में 41 और उत्तरकाशी में 39 मिमी बारिश दर्ज की गई.
ये भी पढ़ें- राहुल ने जिन महिलाओं के साथ रोपा धान, उन्हीं के संग झूमती नजर आईं सोनिया गांधी
राजस्थान के 15 जिलों में बारिश
मानसून के दौरान अभी तक राजस्थान के 33 में से 15 जिलों में ‘असामान्य’ बारिश हुई है. मौसम विभाग के अनुसार राज्य के किसी भी जिले में वर्षा सामान्य से कम नहीं है. हालांकि, जल संसाधन विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, जैसलमेर ‘अति अल्पवृष्टि’ की श्रेणी में है जहां सामान्य से 60 प्रतिशत या उससे भी कम बारिश हुई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के वर्षा संबंधी मानदंडों के अनुसार, सामान्य से 20 प्रतिशत या इससे ज्यादा बारिश को ‘अतिवृष्टि’, सामान्य से 19 प्रतिशत अधिक से लेकर सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश को ‘सामान्य वृष्टि’, सामान्य से 20 से 59 प्रतिशत तक कम बारिश को ‘अल्पवृष्टि’ और सामान्य से 60 प्रतिशत या इससे भी कम बारिश को ‘अति अल्पवृष्टि’ की श्रेणी में माना जाता है. मूसलाधार बारिश के कारण राज्य के 690 बांधों में जल भंडारण 15 जुलाई को कुल क्षमता 12580.03 एमक्यूएम का 58.09 प्रतिशत है, जो पिछले साल इसी अवधि में 43.67 प्रतिशत था.
कर्नाटक के 3 जिलों में येलो अलर्ट
कर्नाटक के तटीय जिलों दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ में भारी बारिश की संभावना के चलते रविवार से 5 दिनों के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है. येलो अलर्ट का मतलब है कि छह से 11 सेंटीमीटर (सेंमी) तक भारी बारिश हो सकती है. राज्य में शनिवार तक कुंडापुर में सात सेंमी बारिश हुई, जबकि मंगलुरु हवाई अड्डा, पनामबूर, कोटा और उप्पीननगड़ी में चार सेंमी बारिश हुई. मंगलुरु, मणि और उडुपी में तीन-तीन सेंमी बारिश दर्ज की गई. इस दौरान कोनाजे और हरेकला के इलाकों में मिट्टी धंसने और मकानों को नुकसान पहुंचने की सूचना है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
पहाड़ों पर बारिश से नहीं राहत, उत्तराखंड-हिमाचल के लिए अगले 24 घंटे भारी, IMD का अलर्ट