डीएनए हिंदी: उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश का कहर अभी थमने का आशंका नहीं है. मौसम विभाग की मानें तो हिमाचल प्रदेश में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश का सिलसिला देखने को मिलेगा. उत्तराखंड में अगले चार से पांच दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट है. इन दोनों राज्यों में लगातार बारिश मुसीबत बनती जा रही है. मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के लिए भारी बारिश का ‘ऑरेंज अर्लट जारी किया है. वहीं 21 अगस्त के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है. पहाड़ी राज्यों के अलावा कई मैदानी राज्यों में भी सोमवार को बारिश की आशंका है.
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका जताई है. आईएमडी ने बताया कि कम दबाव के क्षेत्र के चलते अगले तीन दिन के अंदर मध्य प्रदेश और पूर्व राजस्थान में भारी बारिश होने की संभावना है. IMD के मुताबिक, पश्चिम उत्तर प्रदेश में 23 अगस्त, पूर्व राजस्थान में 22 अगस्त तक मध्यम से हल्की बारिश होने की आशंका है. मध्य प्रदेश में 22 अगस्त और छत्तीसगढ़ में 24 अगस्त को भारी बारिश होने की आशंका है.
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हिमाचलम में भूस्खलन का खतार, IMD का येलो अलर्ट
मौसम विज्ञान कार्यालय ने मानसून के कमजोर होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश में 22 से 24 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी दी है और ‘ऑरेंज अर्लट जारी किया है. इसके साथ ही 21 अगस्त के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है. आईएमडी ने बताया कि रविवार को भी राज्य के छिटपुट इलाकों में हल्की बारिश दर्ज की गई. मौसम विज्ञान कार्यालय ने चंबा और मंडी जिलों के जल संग्रह क्षेत्र में अचानक बाढ़ आने की चेतावनी दी है और 26 अगस्त तक यहां बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान लगाया है. मौसम विज्ञान कार्यालय ने कहा कि भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटना हो सकती है, अचानक आई बाढ़ से नदियों और बरसाती नालों का जलस्तर बढ़ सकता है जिससे खड़ी फसलों, फलदायी वृक्षों और पौधों को नुकसान पहुंच सकता है.
उत्तराखंड में सामान्य से 21 फीसदी ज्यादा बारिश
उत्तराखंड में हाल ही में जानमाल के भारी नुकसान के लिए जिम्मेदारी भारी बारिश का कारण मानसून गर्त का उत्तर की ओर बढ़ना और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के साथ उसका टकराना माना जा रहा है. राज्य में अति वृष्टि के कारण भूस्खलन, इमारत ढहने और सड़कें बहने की घटनायें सामने आई हैं. IMD के अनुसार, मानसून गर्त, एक कम दबाव वाला क्षेत्र है जो पाकिस्तान से बंगाल की खाड़ी तक फैला है. यह मानसून परिसंचरण की एक अर्ध-स्थायी विशेषता है. यह आमतौर पर सिंधु-गंगा के मैदानों के ऊपर से गुजरता है, लेकिन इसके उत्तर की ओर बढ़ने से यह हिमालय की तलहटी की ओर स्थानांतरित हो गया, जिससे क्षेत्र में भारी वर्षा हुई.
विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालय और पूर्वोत्तर राज्यों में 7 अगस्त से भारी बारिश हुई है, जिससे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मिट्टी ढीली हो गई, कटाव हुआ और अचानक बाढ़ आ गई. इस अवधि में उत्तराखंड में 232.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य औसत 191.40 मिमी से 21 प्रतिशत अधिक है. आईएमडी के महानिदेशक एम. महापात्र ने कहा कि कमजोर पश्चिमी विक्षोभ ने क्षेत्र में भारी बारिश के प्रभाव को और बढ़ा दिया है. हालांकि, उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की कि मानसून गर्त के दक्षिण की ओर बढ़ने से अस्थायी रूप से पहाड़ियों में वर्षा कम हो जाएगी और पूर्व-मध्य भारत में वर्षा बढ़ जाएगी. मौसम के मिजाज में यह बदलाव मंगलवार से प्रभावी होने की उम्मीद है. मानसून गर्त अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में है. यह हिमालय की तलहटी के ऊपर है. इस क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से भारी बारिश हो रही है, इसलिए यह भी जमा हो गई है
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पंजाब में बाढ़ का कहर
पंजाब इस समय बाढ़ से जूझ रहा है. फिरोजपुर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित बीएसएफ की कई चौकियां और कंटीले तारों की बाड़ सतलुज के जलस्तर में वृद्धि के कारण जलमग्न हो गई हैं. पोंग और भाखड़ा बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद पंजाब के गुरदासपुर, होशियारपुर, तरनतारन, कपूरथला, रूपनगर, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों के 150 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. चौदह अगस्त को दो जलाशयों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद, ब्यास और सतलुज नदी के पानी से निचले इलाकों और नदी के किनारे के स्थानों में बाढ़ आ गई.
अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना और बीएसएफ के कर्मी राहत कार्यों में लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि फिरोजपुर में 2,500 से अधिक ग्रामीणों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और अभियान के लिए 24 नौकाएं लगाई गई हैं. अधिकारियों ने बताया कि रविवार को हरिके हेडवर्क्स से 2.10 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि हुसैनीवाला हेडवर्क्स से 2.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. रेड क्रॉस और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों की मदद से फिरोजपुर जिला प्रशासन प्रभावित ग्रामीणों को भोजन परोस रहा है.
दिल्ली मे मौसम का हाल
राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को न्यूनतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि मौसम के औसत तापमान से दो डिग्री अधिक है. मौसम विभाग ने दिन के समय आंशिक रूप से बादल छाए रहने का अनुमान जताया है. विभाग ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में सोमवार दोपहर बाद बारिश हो सकती है. अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार हैं.
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