प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार केंद्र की सत्ता संभालते ही अहम फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. शुक्रवार को देश के नए विदेश सचिव (Foreign Secretary) के नाम का ऐलान किया गया है. डिप्टी एनएसए विक्रम मिस्री (Vikram Misri) 15 जुलाई से विदेश सचिव का पद संभालेंगे. मौजूदा विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा का कार्यकाल 30 अप्रैल को ही खत्म हो गया था. लोकसभा चुनाव की वजह से उन्हें 2 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था. मिस्री की गिनती बेहद कुशल और तेज-तर्रार प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर होती है.
कौन हैं विक्रम मिस्त्री गलवान
विक्रम मिस्री का जन्म कश्मीर में हुआ था. गलवान संघर्ष के वक्त बीजिंग में भारत के राजदूत थे. जून 2020 में हुई गलवान घाटी की घटना के बाद उन्हें 2021 में डिप्टी एनएसए (NSA) बनाया गया था. मिस्री के पास लंबा अनुभव है. उन्होंने भारत के तीन प्रधानमंत्रियों के साथ बतौर पीएस भी काम किया है. आइके गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के साथ काम करने का अनुभव मिस्री के पास है. विदेश मंत्री के तौर पर प्रणब मुखर्जी के साथ भी उन्होंने काम किया है.
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मिस्री भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के अधिकारी हैं. विदेश सचिव का पद संभालने से पहले वह डिप्टी एनएसए के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. फिलहाल, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में उनका कार्यकाल घटाकर उन्हें भारत का अगला विदेश सचिव नियुक्त किया गया है. 15 जुलाई को वह अपना कार्यभार संभालेंगे. उन्होंने कई देश में बतौर राजदूत भी अपनी सेवाएं दी हैं.
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देश के नए विदेश सचिव होंगे विक्रम मिस्री, रह चुके हैं डिप्टी NSA