वाराणसी (Varanasi) में कारोबारी राजेंद्र गुप्ता के परिवार की हत्या से पूरा शहर सकते में आ गया था. 5 नवंबर को हुए हत्याकांड में गुप्ता की पत्नी और तीनों बच्चों की भी हत्या कर दी गई थी. पुलिस को हत्याकांड में परिवार के किसी सदस्य पर ही शक था. 9 दिन की तफ्तीश के बाद भी आरोपी विक्की को पुलिस अब तक पकड़ नहीं पाई है. डीसीपी का कहना है कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि हत्याकांड को अंजाम देने वाला कोई और नहीं. बल्कि मृतक का बड़ा भतीजा विक्की ही.
खूनी रहा है परिवार का इतिहास
वाराणसी के काशी जोन के DCP गौरव बंसवाल ने कहा कि राजेंद्र गुप्ता की मां ने ही सबसे पहले आशंका जताई थी कि विक्की ने यह हत्याकांड अंजाम दिया होगा. डीसीपी ने बताया, 'मृतक के साथ आरोपी के संबंध बचपन से ही खराब थे. वह बचपन में उसे काफी पीटते थे और इस परिवार का इतिहास खून-खराबे से भरा है. 1997 में राजेंद्र गुप्ता ने विक्की के माता-पिता यानी अपने ही बड़े भाई और भाभी की हत्या कर दी थी. उसी साल दिसंबर में उसने अपने पिता और एक गार्ड को मौत के घाट उतारा था. इस घटना में वादी रही उसकी मां बाद में बयान से पलट गई थीं. इस वजह से वह छूट गया था.'
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दादी की गवाही और कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस कर रही जांच
पुलिस टीम का कहना है कि विक्की की दादी ने हमें बताया कि वह बचपन से ही बदला लेने की बात करता था. वह परिवार में किसी से भी संपर्क नहीं रखता था. यहां तक की अपनी सगी बहन की शादी में भी नहीं आया था. हमने विक्की की मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स खंगाली हैं, जिससे ऐसे संकेत मिले हैं कि चाचा-चाची और उनके 3 बच्चों की हत्या करने के लिए वह पिछले साल-डेढ़ साल से प्लानिंग कर रहा था. पहले उसने चाचा की हत्या की और फिर भदैनी वाले मकान में चाची और उनके तीनों बच्चों को मौत के घाट उतारा. हमने सर्च अभियान चलाया है और उसे जल्द पकड़ लेंगे.
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