डीएनए हिंदी: उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में एक कफ सिरप से कथित तौर पर 18 बच्चों की जान चली गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि यह कफ सिरप भारत में बना था. इसे भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी ने तैयार किया है. कफ सिरप का नाम डॉक-1 मैस्क सिरप है. पहले गांबिया और अब उज्बेकिस्तान में हुई बच्चों की मौत पर अब देश में भी सियासत भड़क गई है. कांग्रेस ने बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'मेड इन इंडिया कफ सिरप जानलेवा लगता है. पहले गांबिया में 70 बच्चों की मौत हुई थी और अब उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई है. मोदी सरकार को भारत के बारे में शेखी बघारना बंद करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.'
Made in India cough syrups seem to be deadly. First it was the deaths of 70 kids in Gambia & now it is that of 18 children in Uzbekistan. Modi Sarkar must stop boasting about India being a pharmacy to the world & take strictest action.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 29, 2022
जयराम रमेश के बयान पर सुलगी सियासत
जयराम रमेश के इस बयान पर हंगामा भड़क गया है. कुछ लोग उनके इस बयान को देश के खिलाफ बता रहे हैं, तो कुछ कह रहे हैं कि क्या आपको इंडियन फार्मा कंपनियों पर विश्वास नहीं है. विक्रांत नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'कांग्रेस इसी वजह से सत्ता में नहीं आ रही है. आप जैसे लोग नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए फेक न्यूज का सहारा लेकर भारत को ही बदनाम कर देते हैं.'
अंकित जैन नाम के एक शख्स ने ट्वीट किया, 'आप भारत से नफरत क्यों करते हैं. गांबिया ने कहा है कि भारतीय कफ सिरपर मौत के लिए जिम्मेदार नहीं है, उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत की सही वजह भी कोई नहीं जानता, आपको विकसित होते भैारत पर भरोसा नहीं है, तभी ऐसे बयान आप दे रहे हैं.'
Uzbekistan Children Deaths: उजबेकिस्तान में मेड इन इंडिया दवाई से हुई 18 बच्चों की मौत, नोएडा में बना सिरप कैसे साबित हुआ जहर?
कफ सिरप पीने वाले 18 बच्चों की मौत
उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि कुल 21 बच्चों का इलाज भारतीय दवा निर्माता कंपनी की बनाई दवाइयों से चल रहा था. 21 में से 18 बच्चों की मौत हो गई है. उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का आरोप है कि मेरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार है. इस कंपनी ने साल 2012 में उज्बेकिस्तान में रजिस्ट्रेशन कराया था.
Coronavirus India Cases: कोरोना हारेगा या भारत, अगले 40 दिन करेंगे तय, जानिए क्या है सरकार का अनुमान
गलत डोज तो मौत के लिए जिम्मेदार नहीं?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बच्चों की मौत डॉक-1 मैक्स सिरप पीने से हुई है. इसका प्रोडक्शन मेरियन बायोटेक (Marion Biotech) के भारत में नोएडा (Noida) स्थित प्लांट में हुआ था. बच्चे सांस की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. अस्पताल में दाखिल होने से पहले करीब 7 दिनों तक बच्चों को सिरप की डोज दी गई है. बच्चों ने दिन में 3 से 4 बार कफ सिरप की 2.5 से 5 ML तक डोज ली है. बच्चों के पेरेंट्स ने ये दवाई बिना किसी डॉक्टर से पूछे दी है. पूरे प्रकरण में 7 अधिकारियों को बर्खास्त किया गया है. जांच जारी है.
Coronavirus Outbreak India: चेन्नई एयरपोर्ट पर 2 और पॉजिटिव, दिल्ली एयरपोर्ट पर 2 दिन में 39 संक्रमित, सरकार कर रही ये काम
गांबिया में कितने बच्चों की हुई थी मौत?
गांबिया में कफ सिरप पीने से करीब 66 बच्चों की मौत हुई थी. WHO ने भी इसे लेकर अलर्ट किया था. भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोपों का खंडन किया था.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
जानलेवा लगता है मेड इन इंडिया कफ सिरप, जयराम रमेश के बयान पर सुलगी सियासत